निकम्मा कहने से नहीं चलेगा काम, पढ़ाने ओर प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाने का है समय

हरियाणा बोर्ड की परीक्षा 13 दिन बाद हैं। बच्चों से लेकर अभिभावक परीक्षा को लेकर चितित हैं। ऐसे में कमजोर बच्चों को निकम्मा कहने का समय नहीं है बल्कि उन्हें प्रोत्साहित करते हुए आगे बढ़ाने का समय है। अध्यापकों के साथ अभिभावकों को बच्चों को प्रोत्साहित करना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 07:00 AM (IST)
निकम्मा कहने से नहीं चलेगा काम, पढ़ाने ओर प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाने का है समय
निकम्मा कहने से नहीं चलेगा काम, पढ़ाने ओर प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाने का है समय

अनुज शर्मा, कुरुक्षेत्र : हरियाणा बोर्ड की परीक्षा 13 दिन बाद हैं। बच्चों से लेकर अभिभावक परीक्षा को लेकर चितित हैं। ऐसे में कमजोर बच्चों को निकम्मा कहने का समय नहीं है, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित करते हुए आगे बढ़ाने का समय है। अध्यापकों के साथ अभिभावकों को बच्चों को प्रोत्साहित करना होगा। जिससे उनका मानसिक स्तर बढ़ सके।

यह बात जिलास्तर पर राजकीय स्कूलों में आयोजित मेगा पीटीएम में निकलकर सामने आई। यहां समग्र शिक्षा अभियान की डिप्टी डायरेक्टर उर्मिल रोहिल्ला अभिभावकों से रूबरू भी हुई। उन्होंने राजकीय मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल थानेसर में मेगा पीटीएम का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने स्कूल की प्री-बोर्ड परीक्षा के परिणाम की जानकारी ली। अध्यापकों को कहा कि निदेशालय प्री-बोर्ड के आधार पर बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम का मिलान करेगा। प्रिसिपल से लेकर डीईओ तक की निदेशालय में लगेगी क्लास

अगर प्री-बोर्ड परीक्षा के परिणाम से बोर्ड परीक्षा का परिणाम कमतर रहा तो संबंधित स्कूल प्रिसिपल, बीईओ व डीईओ की क्लास निदेशालय में लगेगी। जिलेभर के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जिले के अलग-अलग स्कूलों में दौरा कर अभिभावकों को उनके बच्चों के बारे में बताया। एसएसए के डीपीसी रामदिया गागट, एपीसी सुनील कौशिक व एपीसी कृष्णा कुमारी ने लाडवा के स्कूलों का दौरा किया और अभिभावकों को अपने बच्चों का बोर्ड का परिणाम बेहतर लाने में उनका साथ देने के लिए आग्रह किया। परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए करे प्रोत्साहित

समग्र शिक्षा अभियान की डिप्टी डायरेक्टर उर्मिल रोहिल्ला ने सभी अभिभावकों को कहा कि वे अपने बच्चों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करें। अध्यापकों को चाहिए कि बच्चों के शंकाएं दूर करें। बच्चों को क्लास में प्रताड़ित नहीं करना है। ऐसे बच्चों को प्यार और मोटिवेट करके ही आगे बढ़ाया जा सकता है।

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