मैराथन दौड़ का उद्देश्य युवाओं में नशे की लत को खत्म करना है : सुमित गर्ग

रोटरी क्लब लाडवा के प्रधान सुमित गर्ग ने कहा कि मैराथन दौड़ का उद्देश्य युवाओं में नशे की लत को खत्म कर खेलों के प्रति रूचि पैदा करना है। इसके साथ-साथ पूरे विश्व में शांति स्थापित कर जागरूकता फैलाना है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 11:59 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 11:59 PM (IST)
मैराथन दौड़ का उद्देश्य युवाओं में नशे की लत को खत्म करना है : सुमित गर्ग
मैराथन दौड़ का उद्देश्य युवाओं में नशे की लत को खत्म करना है : सुमित गर्ग

संवाद सहयोगी, लाडवा : रोटरी क्लब लाडवा के प्रधान सुमित गर्ग ने कहा कि मैराथन दौड़ का उद्देश्य युवाओं में नशे की लत को खत्म कर खेलों के प्रति रूचि पैदा करना है। इसके साथ-साथ पूरे विश्व में शांति स्थापित कर जागरूकता फैलाना है। 19 सितंबर को लाडवा के रोटरी, रोट्रैक्ट व इनरव्हील क्लब 10 किलोमीटर मैराथन दौड़ कराएगा। यह इंदिरा गांधी नेशनल कालेज स्टेडियम से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से कालेज में आकर समाप्त होगी।

सुमति गर्ग मंगलवार को लाडवा के रोटरी भवन में पत्रकारवार्ता में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मैराथन दौड़ में तीन साल की बच्ची सहित 71 साल के बुजुर्ग भी दौड़ेंगे, जिसके लिए वह प्रतिदिन कालेज में अभ्यास कर रहे हैं। मैराथन दौड़ में देशभर से करीब 300 प्रतिभागियों को दौड़ाने का लक्ष्य रखा गया है। मैराथन के लिए पंजीकरण आनलाइन व आफलाइन दोनों तरीकों से रखा गया है, जिससे न केवल कुरुक्षेत्र जिला बल्कि पूरे देश से पंजीकरण प्राप्त हो रहे हैं। जिसमें अभी तक सबसे छोटी प्रतिभागी तीन साल की लड़की व सबसे बड़े प्रतिभागी 71 साल के बुजुर्ग का है। यह मैराथन दौड़ कंप्यूटराइज्ड विंब सहित पूरे तकनीकी तरीके से होगी। इस मौके पर अमित सिघल, राकेश खुराना व अशोक गुप्ता मौजूद रहे।

गन्ने की बुआई से पूर्व बीज का उपचार जरूर करें किसान : डा. एसके पांडे

संवाद सूत्र, बाबैन : काहनगढ़ गांव में मंगलवार को गन्ना विकास गोष्ठी की गई। इसमें क्षेत्र के गांवों से किसानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-गन्ना प्रजनन संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र करनाल के प्रधान वैज्ञानिक डा. एसके पांडे, गन्ना वैज्ञानिक डा. एमएल छाबड़ा, वरिष्ठ गन्ना वैज्ञानिक डा. एमआर मीणा ने मुख्य रूप से शिरकत की। गन्ना वैज्ञानिकों ने गन्ने की फसल का निरीक्षण किया और किसानों को गन्ने की फसल में आने वाली बीमारियों के उपचार के तरीके बताए।

गन्ना वैज्ञानिकों ने गन्ने की किस्म सीओ-0238 में इस वर्ष कई रोगों जैसे रेड रोट, पोका बोइग, स्मट से आत्याधिक प्रभावित हुई है। इस गन्ने की किस्म के स्थान पर अन्य गन्ना किस्मों सीओ-118 व सीओ-15023 की व मध्यम किस्म में सीओ-12029, सीओ-13035 सीओ-5011 किस्म के गन्ने की बिजाई अनुपात में करने की सिफारिश की। वैज्ञानिकों ने गन्ने में लगने वाले सभी प्रकार के बोर को रोकने के लिए दवाओं के साथ साथ मिल की बायो लैब में निर्मित ट्राइको कार्ड के इस्तेमाल करने पर जोर दिया। उन्होंने वाइड रो विधि से गन्ने की बिजाई करने के बारे व गन्ने की बिजाई से पूर्व बीज उपचार के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर कृषि विभाग शाहाबाद के सहायक गन्ना विकास अधिकारी राजबीर सिंह व सुरेश शर्मा मौजूद रहे।

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