लवदीप ने कोरोना योद्धा बन लॉकडाउन में फंसे जरूरतमंद परिवारों की मिटाई भूख
शिक्षा के क्षेत्र में अवार्ड बटोरने वाली प्रधानाचार्या लवदीप भारद्वाज ने कोरोना के दौर में लाकडाउन में फंसे जरूरतमंद परिवारों की मदद की और भूखों तक भोजन भी पहुंचाया। यही नहीं मजदूर परिवारों को आर्थिक मदद तक दिलाई। इसके बलबूते कोरोना योद्धा अवार्ड से सम्मानित हुई।
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : शिक्षा के क्षेत्र में अवार्ड बटोरने वाली प्रधानाचार्या लवदीप भारद्वाज ने कोरोना के दौर में लॉकडाउन में फंसे जरूरतमंद परिवारों की मदद की और भूखों तक भोजन भी पहुंचाया। यही नहीं मजदूर परिवारों को आर्थिक मदद तक दिलाई। इसके बलबूते कोरोना योद्धा अवार्ड से सम्मानित हुई।
गुरुनानक वाटिका पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या लवदीप भारद्वाज बताती हैं कि ऐसा दौर जीवन में पहली बार देखा। जब लॉकडाउन बढ़ा तो घरों में बंद मजदूर परिवारों व उनके बच्चों की अधिक चिता हुई। बेस्ट प्रधानाचार्या नेशनल एवं इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित लवदीप बताती हैं कि जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए दूसरों को भी प्रेरित किया। यहां तक की अपनी जान की परवाह न कर गरीब बस्तियों तक पहुंच बनाई। एक ही मकसद था कि ऐसे परिवारों के बच्चे भूखे ना सोएं। इसमें समाजसेवी संस्थाओं की भी मदद ली।
इसके साथ ही शिक्षा की अलख जगाने का काम भी जारी रखा। आनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों को जागृत करने में दिन रात एक किया। आनलाइन के जरिए ही अपने आसपास के लोगों की मदद की जागृति का बीड़ा भी संभाले रखा। इस मुहिम से काफी लोगों को साथ जोड़ा। फील्ड में कार्य के बाद घर पर जरूरी नियमों की पालना के बाद ही परिवार के सदस्यों से मिलती जुलती थी।
परिवार को भी कोरोना से बचाने के लिए तमाम नियम कायदों का पालन किया गया। सभी को भोजन परोसने का जिम्मा बखूबी निभाया। परिवार ने भी जन सेवा में जुटे रहने के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने यहां तक मदद की दो सेट पीपीई किट के उपलब्ध कराए। इससे हौसला बढ़ता चला गया। वे कहती हैं कि मन में ठान लिया जाए तो बड़ी से बड़ी महामारी को हराया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि स्कूल खुलते ही ऐलान किया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही कोरोना के चलते सभी अभिभावकों के फीस में छूट दी जाएगी। वे कहती हैं कि महामारी के दौर में सभी को सरकार की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करना चाहिए।