ग्राउंड सेल्फ डिफेंस और लॉक तकनीक समेत आत्मरक्षा की टैकनीकी सीखी

यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिग एंड टैक्नोलॉजी की छात्राओं को आत्मरक्षा के टिप्स दिए गए। उन्होंने खुद आगे आकर आक्रमण की अलग-अलग स्थितियों के गुरों की बारीकी को समझा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Feb 2020 06:55 AM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 06:55 AM (IST)
ग्राउंड सेल्फ डिफेंस और लॉक तकनीक समेत आत्मरक्षा की टैकनीकी सीखी
ग्राउंड सेल्फ डिफेंस और लॉक तकनीक समेत आत्मरक्षा की टैकनीकी सीखी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिग एंड टैक्नोलॉजी की छात्राओं को आत्मरक्षा के टिप्स दिए गए। उन्होंने खुद आगे आकर आक्रमण की अलग-अलग स्थितियों के गुरों की बारीकी को समझा।

श्री कृष्ण मार्शल आ‌र्ट्स संस्थान के अध्यक्ष एवं मुख्य प्रशिक्षक राजेश शर्मा ने बताया कि मार्शल आर्ट की सेल्फ डिफेंस तकनीकों को सीखकर असामाजिक तत्वों को धूल चटाई जा सकती है। इनमें ग्राउंड सेल्फ डिफेंस और लॉक तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है। जब विरोधी किसी महिला को नीचे गिराकर हावी होने की कोशिश करता है तब ग्राउंड सेल्फ डिफेंस और लॉक तकनीक बहुत कारगर साबित होती है।

कैंप संयोजक डॉ. उर्मिला ने बताया कि संस्थान की सभी ब्रांच की छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिग कैंप का आयोजन किया गया है। इसमें छात्राओं को विपरीत परिस्थितियों में बचाव की कारगर तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संस्थान निदेशक डॉ. सीसी त्रिपाठी ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में निकलकर आगे आ रही हैं। ऐसे में छेड़छाड़, शारीरिक और मानसिक शोषण के मामले भी बढ़ गए हैं। इन सबको देखते हुए आत्मरक्षा का प्रशिक्षण महत्व रखता है। छात्रा स्निग्धा, अनु, पूजा, विशाखा व हरमन ने बताया कि सेल्फ डिफेंस के गुर बहुत ही कारगर हैं। प्रशिक्षण से उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। वे विपरीत परिस्थितियों में असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए मानसिक रूप से मजबूत हो रही हैं।

chat bot
आपका साथी