कृपा प्रेम व सद्भाव में है, क्रोध और आवेश में नहीं : स्वामी ज्ञानानंद

संवाद सहयोगी शाहाबाद मारकंडा नेशनल कालेज में श्रीकृष्ण कृपा एवं जीओ गीता परिवार की अ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 07:14 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 07:14 AM (IST)
कृपा प्रेम व सद्भाव में है, क्रोध और आवेश में नहीं : स्वामी ज्ञानानंद
कृपा प्रेम व सद्भाव में है, क्रोध और आवेश में नहीं : स्वामी ज्ञानानंद

संवाद सहयोगी, शाहाबाद : मारकंडा नेशनल कालेज में श्रीकृष्ण कृपा एवं जीओ गीता परिवार की और से तीन दिवसीय दिव्य गीता सत्संग के दूसरे दिन का शुभारंभ खेल मंत्री संदीप सिंह व विधायक रामकरण काला ने किया। डा. गुरदीप सिंह, आत्माराम पूनिया, अशोक चावला, पूर्व नगर पालिका प्रधान हरीश क्वात्रा और विष्णु भगवान गुप्ता ने दीप प्रज्वलन किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में शिव मंदिर सभा के प्रधान जगमोहन मनचंदा, विजय ठुकराल, निशा ठुकराल, काला अहूजा, बिट्टू बतरा व नवीन अहूजा ने गीता पूजन किया।

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता केवल उपदेश नहीं सर्वकालिक है। हर समय के लिए, हर स्थान के लिए और बिना किसी भेदभाव के सबके लिए है। एक व्यावहारिक, वैचारिक और पूरी तरह वैज्ञानिक प्रेरणा का नाम श्रीमद्भगवत गीता है। सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया का स्वर इसी भारत से निकला है। तेरे भाने सरबत दा भला शब्द भी भारत से ही निकला है। हमारी सनातन सोच तो सदैव पूरे विश्व का कल्याण मांगने वाली सोच है। हमने तो सदैव समूची मानवता की मुस्कान और समूचे विश्व के कल्याण की बात कही। स्वामी ने कहा कि भगवान की कृपा उसी पर होती है जिसमें सहन शक्ति होती है। कृपा सहनशक्ति में होती है क्रोध में बिल्कुल नहीं। मानसिक शांति भी सहनशक्ति में है क्रोध में नहीं। प्रेम और सद्भाव भी सहनशक्ति विनम्रता और सहजता में है।

खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि लोगों को दैनिक जीवन की भागदौड़ को छोड़कर धर्म-कर्म से भी जुड़ चाहिए। इससे मन को शांति मिलती है। इस अवसर पर केडीबी मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, डा. सुधा बंसल, महेश भगत, मनीष मलिक, पंडित राजेश शर्मा, मनीष भाटिया, रघुनाथ छाबड़ा, एडवोकेट पवन गुप्ता मौजूद रहे।

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