विराट स्वरूप के चारों तरफ खड़े 24 पेड़ों को नहीं काटेगा केडीबी
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड अब ज्योतिसर तीर्थ पर भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के चारों तरफ खड़े 24 पेड़ों को नहीं काटेगा।
-बोर्ड ने ग्रीन अर्थ संगठन को पत्र लिखकर दिया आश्वासन
-दैनिक जागरण ने नौ सितंबर को उठाया था मामला
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड अब ज्योतिसर तीर्थ पर भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के चारों तरफ खड़े 24 पेड़ों को नहीं काटेगा। बोर्ड ने ग्रीन अर्थ संगठन को पत्र लिखकर इसके लिए आश्वस्त किया है। साथ ही भविष्य में किसी पेड़ की कटाई या छंटाई करने से पहले संगठन के विशेषज्ञों की सहमति लेने का आश्वासन भी दिया गया है। ग्रीन अर्थ संगठन ने विराट स्वरूप लगाने के लिए 24 पेड़ों को काटने की केडीबी की योजना का विरोध जताया था, जिसे दैनिक जागरण प्रमुखता से उठाया था।
गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने नौ सितंबर को, ज्योतिसर पर 24 पेड़ों की बलि देने की तैयारी, ग्रीन अर्थ संगठन बचाव में आया, प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इस समाचार में संगठन ने भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप तट स्थल के इर्द-गिर्द खड़े 40 से 50 साल से खड़े पेड़ों को काटने की तैयारी कर रहे बोर्ड के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल (एनजीटी) में जाने की बात कही थी। इसके साथ ही ट्रब्यूनल के पुराने आदेशों का हवाला भी दिया गया था, जिसमें जिला प्रशासन की ओर से दिए गए शपथ पत्र का स्मरण कराया गया था। इसमें कुरुक्षेत्र क्षेत्र में पेड़ों की सुरक्षा के लिए प्रबंध करने के लिए पूर्व में जिला उपायुक्त शपथ पत्र दे चुके हैं। 48 कोस स्थित तीर्थों पर एनजीटी के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए केडीबी ने लिखा पत्र : डा. नरेश भारद्वाज
ग्रीन अर्थ संगठन के सदस्य एवं पर्यावरणविद् डा. नरेश भारद्वाज ने बताया कि केडीबी ने ग्रीन अर्थ संगठन को पत्र लिख कर अवगत करवाया है कि ज्योतिसर मंदिर परिसर में स्थापित किए जा रहे भव्य विराट स्वरूप के लिए भविष्य में कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। यदि भविष्य में कोई कांट छांट की जरूरत पड़ी तो ग्रीन अर्थ के परामर्श व सहयोग से की जाएगी। हरियाणा पर्यटन विभाग, लोक निर्माण विभाग और जिला विकास एव पंचायत अधिकारी कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, जींद और पानीपत को भी 48 कोस स्थित तीर्थों पर एनजीटी के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने बारे केडीबी ने लिखा है। उन्होंने कहा कि केडीबी का 24 पेड़ों को न काटने का फैसला पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुत अहम है। संगठन केडीबी के इस फैसले की सराहना करता है और सभी तीर्थों पर पर्यावरण संरक्षण के लिए केडीबी को पूरा सहयोग करेगा।