स्वयं सेवकों की सबसे बड़ी पहचान अनुशासन व उच्च चरित्र : कांबोज
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. बलदेव राज कांबोज ने कहा कि अनुशासन और उच्च चरित्र एक स्वयं सेवक की सबसे बड़ी पहचान है। एक स्वयं सेवक सदैव समाज भलाई के कार्याें में अग्रणी रहता है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. बलदेव राज कांबोज ने कहा कि अनुशासन और उच्च चरित्र एक स्वयं सेवक की सबसे बड़ी पहचान है। एक स्वयं सेवक सदैव समाज भलाई के कार्याें में अग्रणी रहता है।
वह शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ और प्रदेश राज्य प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने स्वयं सेवकों को राष्ट्रीय सेवा योजना के जीवन मूल्यों एवं सेवाभाव के महत्व को बताया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुवि के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने एवं स्वरोजगार सृजन करने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए। स्वयंसेवक की चमक उसके व्यक्तित्व में झलकनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि जयदीप आर्य ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में युवाओं की संकल्प शक्ति एवं दृढ़ आत्म विश्वास की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रहेगी। आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यक्ति का स्वस्थ रहना सबसे जरूरी है और स्वास्थ्य के लिए योग को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाना आवश्यक है। शिविर संयोजक डा. दिनेश राणा ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत आत्म निर्भर भारत के निर्माण में युवाओं के योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए मंथन सत्र, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक समरसता पर आधारित गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। कुवि कुलसचिव डा. संजीव शर्मा ने युवाओं को आत्म अनुशासित और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस शिविर में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और असम सहित 12 राज्यों से 200 स्वयं सेवक तथा 15 कार्यक्रम अधिकारी हिस्सा लेंगे। इस मौके पर एनएसएस अधिकारी डा. भगत सिंह, डा. सीडीएस कौशल, साध्वी दर्शना देवी, देव अभिलाषा एवं डा. अतुल ढींगरा मौजूद रहे।