कबीर जयंती पर ज्योतिबा फुले ट्रस्ट ने लगाए पौधे

शाहाबाद मारकंडा महात्मा ज्योतिबा फुले शिक्षा विकास ट्रस्ट की ओर से वीरवार को सतगुरु कबीर दास महाराज की जयंती पर पौधारोपण किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 07:14 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 07:14 AM (IST)
कबीर जयंती पर ज्योतिबा फुले ट्रस्ट ने लगाए पौधे
कबीर जयंती पर ज्योतिबा फुले ट्रस्ट ने लगाए पौधे

संवाद सूत्र, शाहाबाद मारकंडा : महात्मा ज्योतिबा फुले शिक्षा विकास ट्रस्ट की ओर से वीरवार को सतगुरु कबीर दास महाराज की जयंती पर पौधारोपण किया गया। ट्रस्ट के चेयरमैन मिहां सिंह रंगा ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से गांव कलसाना, मोहनपुर, मदनपुर, ढकाला व तिगरी में 50 फलदार व छायादार पौधे लगाए गए। ट्रस्ट की महिला प्रदेशाध्यक्ष स्वीटी रंगा ने कहा कि हम सब को अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए। पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर नियंत्रण के लिए पौधारोपण जरूरी है। डा. बीआर अंबेडकर युवा संगठन कलसाना के प्रधान सुमित नरवाल ने कहा की ट्रस्ट की ओर से सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। इससे लोगों में जागरूकता आ रही है और इन कार्यों में ट्रस्ट को भी समाज का पूरा सहयोग मिल रहा है।

संत कबीर ने मूल्यपरक जीवन जीने की राह दिखाई : मिश्र

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कबीर उच्च दृष्टिकोण वाले संत थे। संत कबीर का सामाजिक चितन जनसामान्य के उत्थान के लिए है। आज भी कबीर की सामाजिक दर्शन उतनी ही प्रासंगिक है जितनी भक्ति कालीन समय में थी। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. प्रकाश मिश्र ने संत कबीर की जयंती के अवसर पर व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि संत कबीर ने मनुष्य को मूल्य परक जीवन जीने की राह दिखाई। संत कबीर ने जिस निर्भीकता और साहस के साथ अपनी वाणी प्रवाहित की है। अपने समय की सामाजिक कुरीतियों, व्याप्त असमानता को कबीर ने यथार्थ के धरातल पर महसूस किया। उनकी वाणी से निकले शब्द स्वानुभूत सत्य से जुड़े थे, उन्होंने स्वयं ही सामाजिक यंत्रणाओं को भोगा था। उनका भोगा हुआ यथार्थ ही उनकी अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बनी। कबीर ने सभी मानव को एक ईश्वर की संतान माना। आधुनिक संदर्भों में कबीर द्वारा कही गई बातों का नैतिक मूल्य है।

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