पेपर लीक मामले की कराई जाए न्यायिक जांच : अशोक अरोड़ा

पूर्व मंत्री एवं कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने कहा है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्राम सचिवों की परीक्षा रद कर छह लाख से अधिक बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक किया है। उन्होंने मांग की कि आयोग को भंग कर पेपर लीकेज मामले की जांच हाईकोर्ट के सीटिग जज से कराई जाए

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 06:40 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 06:40 AM (IST)
पेपर लीक मामले की कराई जाए न्यायिक जांच : अशोक अरोड़ा
पेपर लीक मामले की कराई जाए न्यायिक जांच : अशोक अरोड़ा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पूर्व मंत्री एवं कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने कहा है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्राम सचिवों की परीक्षा रद कर छह लाख से अधिक बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक किया है। उन्होंने मांग की कि आयोग को भंग कर पेपर लीकेज मामले की जांच हाईकोर्ट के सीटिग जज से कराई जाए और दोषी पाए जाने वाले लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूर्णत: विफल रहा है।

आयोग की लगभग प्रत्येक परीक्षा में पेपर लीक हो रहे हैं, जबकि आयोग परीक्षाओं की गोपनीयता संबंधी डाटा इत्यादि के रख रखाव पर 25 करोड़ रुपये वार्षिक खर्च कर रहा है। वास्तविकता यह है कि चयन आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है जब इतनी अधिक धनराशि प्रश्नपत्रों व परीक्षा की गोपनीयता के नाम पर खर्च कर रहा है तो फिर वे कौन लोग हैं जिनकी मिलीभगत से प्रश्नपत्र लीक हो रहे हैं।

अरोड़ा ने मुख्यमंत्री से मांग की कि लीकेज मामले की जांच हाईकोर्ट के सीटिग जज से समयबद्ध सीमा में कराई जानी चाहिए, ताकि गठबंधन सरकार का संरक्षण प्राप्त पेपर लीक माफिया और उनको संरक्षण देने वाले सभी लोगों का चेहरा जनता के सामने बेनकाब हो सके। ग्राम सचिवों के लिए परीक्षा देने वाले युवाओं ने अपना कीमती समय और धन खर्च किया है। सरकार को चाहिए कि अपनी असफलता के लिए प्रत्येक परीक्षार्थी को पांच हजार रुपये का नगद मुआवजा दे।

पूर्व मंत्री अरोड़ा ने आरोप लगाया कि छह वर्षों में लगभग तीन दर्जन से अधिक पेपर लीक हो चुके हैं। हर मामले को दबाने का प्रयास किया जाता है जब मामला मीडिया की सुर्खियां बन जाता है तो सरकार जांच के नाम पर दिखावा करती है।

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