जगतगुरु आचार्य श्रीचंद्र देव ने विश्व में सनातन संस्कृति को दिलाई पहचान: महंत तरणदास

देश विदेशों में सनातन धर्म का प्रचार करने वाले भगवान श्रीचंद्र देव के 527वें प्रकटोत्सव समारोह पर डेरा उदासीन नया अखाड़ा में सालाना भंडारे का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 11:31 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 11:31 PM (IST)
जगतगुरु आचार्य श्रीचंद्र देव ने विश्व में सनातन संस्कृति को दिलाई पहचान: महंत तरणदास
जगतगुरु आचार्य श्रीचंद्र देव ने विश्व में सनातन संस्कृति को दिलाई पहचान: महंत तरणदास

डेरा उदासीन में 527 वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में हुआ धार्मिक समागम

संवाद सहयोगी, पिहोवा :

देश विदेशों में सनातन धर्म का प्रचार करने वाले भगवान श्रीचंद्र देव के 527वें प्रकटोत्सव समारोह पर डेरा उदासीन नया अखाड़ा में सालाना भंडारे का आयोजन किया गया। डेरा के महंत तरणदास ने बताया कि समारोह में संत महात्माओं ने अपनी दिव्य वाणी से संगत को निहाल किया। जिसमें बाबा श्रीचंद्र देव की दिव्य वाणी मात्रा शास्त्र के पाठ, आरती, सनातनी अरदास प्रार्थना और प्रसाद वितरण किया गया।

महंत तरणदास ने कहा कि आचार्य गुरु श्रीचंद्र देव ने देश विदेश में सनातन संस्कृति का प्रचार किया। भगवान श्रीचंद्र देव ने अपने जीवन के 151 वर्ष समाज की सेवा व धर्म की रक्षा के लिए लगाए। उनसे बड़ा त्यागी तपस्वी इस धरती पर नहीं हुआ। उदासीन गुरु परंपरा में बाबा श्रीचंद्र का 165वां स्थान है। उन्होंने तिब्बत, कश्मीर, सिध, काबुल, कंधार, ब्लूचिस्तान, अफगानिस्तान, गुजरात, पुरी व कटक से लेकर विश्व के कोने-कोने में संत सनातन संस्कृति के वास्तविक स्वरूप से लोगों को रूबरू कराया। साधु संतों व कथावाचकों द्वारा भजन, सत्संग, आरती, कीर्तन व प्रवचन से संगत को निहाल किया गया। महंत दीपक प्रकाश ने कहा कि प्रत्येक वर्ष डेरा प्रकाश पर्व को भव्य रूप देने के लिए प्रयासरत है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर महंत ज्ञानेश्वर महाराज, षडदर्शन साधु समाज के अध्यक्ष महंत बंसी पुरी, संगमेश्वर महादेव मंदिर अरुणाय के महंत विश्वनाथ गिरि, महंत देवी शरण दास, महंत गुरप्रताप सिंह, महंत राजेंद्र दास, महंत चमन गिरी, महंत लाल गिरि व महंत सर्वेश्वरी गिरी मौजूद रहे।

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