रिसर्च और शोध कार्याें पर फोकस बढ़ाना जरूरी : राघव

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रसायन विभाग की अध्यक्ष एवं वूमेन इन स्टेम (विस) फोर्म की समन्वयक प्रो. नीरा राघव ने कहा कि हमें रिसर्च और शोध कार्यों पर फोकस बढ़ाना होगा। नई पीढी को इस राह पर लाने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 11:50 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 11:50 PM (IST)
रिसर्च और शोध कार्याें पर फोकस बढ़ाना जरूरी : राघव
रिसर्च और शोध कार्याें पर फोकस बढ़ाना जरूरी : राघव

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रसायन विभाग की अध्यक्ष एवं वूमेन इन स्टेम (विस) फोर्म की समन्वयक प्रो. नीरा राघव ने कहा कि हमें रिसर्च और शोध कार्यों पर फोकस बढ़ाना होगा। नई पीढी को इस राह पर लाने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे। वह रविवार को कुवि की विस फोर्म की ओर से स्टैम-2021 में महिलाओं के लिए करिअर और अवसरों पर लघु अवधि आनलाइन कार्यशाला में अंतविषय सहयोग के लिए संभावनाओं विषय पर बोल रही थी। उन्होंने बताया कि विस फोर्म ने कुवि के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के नेतृत्व और डीन एकेडमिक अफेयर और रूसा समन्वयक प्रो. मंजुला चौधरी के सहयोग से विस के सातवें माड्यूल का आयोजन किया है। उन्होंने बताया कि इस माड्यूल के लिए संसाधन व्यक्ति में से एक डा. वंदना भल्ला कुवि के रसायन विज्ञान विभाग की पूर्व छात्रा भी हैं। राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला नई दिल्ली के डा. बिपिन गुप्ता ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत अपनी प्रयोगशाला में खोजी गई सुरक्षा स्याही और जालसाजी के खिलाफ बैंक-चेक में इसके उपयोग पर केंद्रित भाषण दिया। उन्होंने अपने संबोधन में आविष्कार और नवाचार के बीच अंतर की जानकारी दी। गुरुनानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर के रसायन विज्ञान विभाग से डा. वंदना भल्ला ने केमोसेंसर विशेष रूप से सुपरमालेक्यूलर केमोसेंसर पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि इसका दैनिक जीवन में व्यापक व्यावहारिक अनुप्रयोग है। उन्होंने बताया कि इन सुपरमालेक्यूलर केमोसेंसर का उपयोग विभिन्न जैविक यौगिकों जैसे कोलेस्ट्र्राल, विटामिन डी स्तर के परीक्षण में किया जा सकता है और विस्फोटकों का पता लगाने, नकली मुद्रा की पहचान करने, पेट्रोल, भोजन की शुद्धता की जांच करने के लिए, कृत्रिम नाक के निर्माण के लिए सामग्री एवं माल और एयरपोर्ट पर आइटम और थर्मल सेंसर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सत्र की अध्यक्षता डा. रश्मि पुंडीर और डा. मंजूषा चौधरी ने की। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य अंजू गोयल, डा. पूजा अरोड़ा, डा. रुचि गुप्ता, डा. हरदीप राय शर्मा और डा. सुरेश कुमार शामिल रहे।

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