कार्यकर्ता न करें परवाह, जल्द ही आने वाला है समय : दुष्यंत

संवाद सहयोगी, पिपली (कुरुक्षेत्र): इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला के परिवार में छिड़ी महाभारत का असर कुरुक्षेत्र में पार्टी संगठन पर भी पड़ा है। वीरवार को पिपली पैराकिट पहुंचे सांसद दुष्यंत चौटाला के साथ पार्टी के जिलाध्यक्ष कुलदीप मुल्तानी से लेकर प्रदेश स्तर के कुछ पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य खड़े दिखे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 12:08 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 12:08 AM (IST)
कार्यकर्ता न करें परवाह, जल्द ही आने वाला है समय : दुष्यंत
कार्यकर्ता न करें परवाह, जल्द ही आने वाला है समय : दुष्यंत

संवाद सहयोगी, पिपली (कुरुक्षेत्र): इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला के परिवार में छिड़ी महाभारत का असर कुरुक्षेत्र में पार्टी संगठन पर भी पड़ा है। वीरवार को पिपली पैराकिट पहुंचे सांसद दुष्यंत चौटाला के साथ पार्टी के जिलाध्यक्ष कुलदीप मुल्तानी से लेकर प्रदेश स्तर के कुछ पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य खड़े दिखे।

इनसो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जस¨वद्र खैरा, इनेलो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य माया राम चंद्रभानपुरा, महिला ¨वग की प्रदेश सचिव कलावती, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोगध्यान, डॉ.जीत ¨सह शेर, शिव शंकर शर्मा, सुनील राणा, विक्रम गुर्जर, नरेंद्र घराड़सी, नसीब ¨सह एडवोकेट चीबा, सूबे ¨सह, जगदीप मोहड़ी, सोहन लाल रामगढ़, योगेश शर्मा दुष्यंत के खेमे में पहुंचे।

दुष्यंत चौटाला ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि वे परवाह न करें। जल्द ही उनका समय आने वाला है। बता दें कि दुष्यंत चौटाला के आने का कोई निश्चित कार्यक्रम नहीं था और ना ही कार्यकर्ताओं को उनके आने की सूचना दी गई थी। दुष्यंत ने इनसो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जस¨वद्र खैरा व कुछ चु¨नदा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की थी। जैसे ही दुष्यंत पैराकीट मोटल पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने अजय चौटाला ¨जदाबाद, दुष्यंत चौटाला ¨जदाबाद के नारे लगाते हुए उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। दुष्यंत चौटाला ने भी कार्यकर्ताओं के साथ फोटो ¨खचवाए और उनका हालचाल जाना। दुष्यंत चौटाला ने जींद बैठक के लिए कार्यकर्ताओं को न्यौता दिया। पूर्व सीएम हुड्डा ने जनता का पैसा लुटाया

दुष्यंत चौटाला ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा नेहरू के नाम पर जनता के पैसे को लुटाने का काम किया। नेशनल हेराल्ड मामले को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाते हुए उन्हें इस संबंध में तीन पत्र सौंपे थे। हुड्डा ने वर्ष 2009 में 1982 के कलेक्टर रेट के आधार पर गैर कानूनी ढंग से जमीन अलॉट की थी। इस मामले में सीधे रूप से मुख्यमंत्री व तीन अधिकारी शामिल थे। भाजपा सरकार ने चार साल के शासनकाल में मामले को केवल अभी तक सीबीआइ तक पहुंचाने का काम किया है।

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