परिवारिक सदस्यों की तरह कार्य करता है भारतीय संविधान : बातिश

कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. नीरज बातिश ने कहा कि भारतीय संविधान किसी परिवार के सदस्यों के आपसी संबंधों की तरह कार्य करता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 06:28 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 06:28 AM (IST)
परिवारिक सदस्यों की तरह कार्य करता है भारतीय संविधान : बातिश
परिवारिक सदस्यों की तरह कार्य करता है भारतीय संविधान : बातिश

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. नीरज बातिश ने कहा कि भारतीय संविधान किसी परिवार के सदस्यों के आपसी संबंधों की तरह कार्य करता है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति के अपने स्वतंत्र विचार हैं, अपनी शक्तियां हैं, जिसके अंतर्गत वह कुछ नियमों व कानूनों के दायरे में रहकर समाज में अपना उत्थान करता है। वह बुधवार को कुवि के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की ओर से भारतीय संविधान की रूपरेखा विषय पर आयोजित आनलाइन कार्यक्रम में बतौर मुख्यवक्ता बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन देशों में लोकतांत्रिक सरकारें कार्य कर रही हैं उन देशों के लोग ही अपनी इच्छा, अधिकारों के लिए आम चुनावों के माध्यम से अपने मत का प्रयोग करते हुए सरकारें चुनते हैं। लोगों की ओर से लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारें ही भारतीय संविधान के अंतर्गत लोगों के विकास के लिए कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोग ही देश होते हैं, क्योंकि अगर लोग अमीर हैं तो देश अमीर है, अगर लोग गरीब हैं तो देश गरीब है, अगर लोग अस्वस्थ है तो देश अस्वस्थ है। उन्होंने कहा कि देश प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है, वही उसको आगे बढ़ाने का कार्य करता है। प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी नियम व कानूनों के अनुसार चलना होता है और यही नियम हमारे परिवार के आपसी सदस्यों के संबंध में नियमित रूप से चलते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान की निदेशिका प्रो. बिदु शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से जनसंचार के विद्यार्थियों को भारतीय संविधान के तहत राज्य व्यवस्था, केंद्रीय व्यवस्था और विभिन्न प्रकार के नागरिक अधिकारों को जानने का अवसर प्राप्त हुआ।

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