वेदों की राह पर चलकर हो सकता है भारत के सुनहरे भविष्य का निर्माण : विद्यालंकार

आर्य समाज के मंत्री डा. राजेंद्र विद्यालंकार ने कहा कि वेदों में दिखाए रास्ते पर चलकर ही भारत के सुनहरे भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। वेदों में दिए ज्ञान से व्यक्ति का चरित्र निर्माण होता है। प्राचीन काल से ही आर्य समाज जन-जन को वेदों के रास्ते पर चलाने का काम कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Mar 2021 06:33 AM (IST) Updated:Mon, 15 Mar 2021 06:33 AM (IST)
वेदों की राह पर चलकर हो सकता है भारत के सुनहरे भविष्य का निर्माण : विद्यालंकार
वेदों की राह पर चलकर हो सकता है भारत के सुनहरे भविष्य का निर्माण : विद्यालंकार

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आर्य समाज के मंत्री डा. राजेंद्र विद्यालंकार ने कहा कि वेदों में दिखाए रास्ते पर चलकर ही भारत के सुनहरे भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। वेदों में दिए ज्ञान से व्यक्ति का चरित्र निर्माण होता है। प्राचीन काल से ही आर्य समाज जन-जन को वेदों के रास्ते पर चलाने का काम कर रहा है। वह रविवार को नए बस अड्डे के सामने आर्य समाज महर्षि दयानंद सेवा सदन में आयोजित पांच दिवसीय ऋषि जन्मोत्सव व बोधोत्सव समारोह के समापन समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज को नई दिशा देने के लिए युवा पीढ़ी को आर्य समाज की शिक्षाओं को लेकर जागरूकता लानी होगी। आर्य समाज के प्रवक्ता मोहन लाल ने बताया कि आर्य समाज के प्रधान अविनाश गोयल की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम में

वक्ताओं ने आर्य समाज के सभी गुरुओं के योगदान का उल्लेख किया गया। इस समारोह में डा. रामचंद्र, संदीप आर्य, नारायण आर्य, अमित शास्त्री और यूथ यूनिटी नेस्ट से मनीष सिधवानी ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर महर्षि दयानंद सेवा सदन प्रधान हीरा राम आर्य, सोम सिधवानी, निक्कू गोयल, पूजा देवान, प्रेरणा देवान, पुष्पा देवान, विद्या ढींगरा, सुलक्षणा कपूर व दयानंद पांचाल मौजूद रहे।

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