वीर सावरकर के जीवन को दर्शाया नाटक इतिहास में

हरियाणा कला परिषद् मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर अंबाला मंडल की ओर से साप्ताहिक गतिविधियों के अंर्तगत नाटक इतिहास का मंचन किया गया। नटरंग नाट्य संस्था के कलाकारों ने अभिनीत नाटक इतिहास का लेखन व निर्देशन जसबीर मथाना ने किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 12:21 AM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 12:21 AM (IST)
वीर सावरकर के जीवन को दर्शाया नाटक इतिहास में
वीर सावरकर के जीवन को दर्शाया नाटक इतिहास में

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हरियाणा कला परिषद् मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर अंबाला मंडल की ओर से साप्ताहिक गतिविधियों के अंर्तगत नाटक इतिहास का मंचन किया गया। नटरंग नाट्य संस्था के कलाकारों ने अभिनीत नाटक इतिहास का लेखन व निर्देशन जसबीर मथाना ने किया गया। नाटक में विनायक सावरकर के जीवन संघर्ष को दर्शाया गया। कहानी में दिखाया विनायक सावरकर का जन्म महाराष्ट्र में नासिक के निकट भागुर गांव में हुआ था। उनकी माता जी का नाम राधाबाई तथा पिता जी का नाम दामोदर पंत सावरकर था। इनके दो भाई गणेश, बाबाराव व नारायण दामोदर सावरकर तथा एक बहन नैनाबाई थी। जब वे केवल नौ वर्ष के थे तभी हैजे की महामारी में उनकी माता जी का देहांत हो गया। इसके सात वर्ष बाद प्लेग की महामारी में उनके पिता जी भी स्वर्ग सिधारे। इसके बाद विनायक के बड़े भाई गणेश ने परिवार के पालन-पोषण का कार्य संभाला। सावरकर ने अभिनव भारत नामक एक क्रान्तिकारी संगठन की स्थापना की। बंगाल के विभाजन के बाद उन्होने पुणे में विदेशी वस्त्रों की होली जलाई। इस प्रकार नाटक ने इतिहास के गर्भ में छिपे पन्नों को सबके सामने खोल दिया। नाटक मंचन के दौरान हरियाणा कला परिषद् के नवनियुक्त निदेशक अनिल कौशिक बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे। जिला परिषद् अध्यक्ष गुरदयाल सुन्हेड़ी, रंगकर्मी व स्वास्थय मंत्री के मीउयिा सलाहकार अनिल दत्ता, सनातन विधापीठ के अध्यक्ष श¨लद्र पराशर व संगीत विभाग से प्रो. अशोक यमन विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। नाटक में मंच संचालन विकास शर्मा द्वारा किया गया। नाटक के अंत में टीम कोर्डिनेटर मनोज कुमार ने पात्रों का परिचय कराया। नाटक में मुख्य भूमिकाओं में जसबीर मथाना, सोमबीर, चांद भारद्वाज, राजकुमारी, काजल, शिवकुमार, सौरभ, शीनू, गुरदयाल, अश्विनी, सतीश, सुमित, चिराग, विक्रम मौजूद रहे।

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