औषधीय पौधे बांटने में आयुष विवि व दिव्य समिति भूल गई दो गज की दूरी मास्क है जरूरी की गाइडलाइन

दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी..मगर शायद श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय और दिव्य कुरुक्षेत्र पर्यावरण संरक्षण समिति इस बात को नहीं मानती। तभी तो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में औषधीय पौधे वितरित करते हुए इस बात का बिल्कुल ख्याल नहीं रखा गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 09:21 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 09:21 PM (IST)
औषधीय पौधे बांटने में आयुष विवि व दिव्य समिति भूल गई दो गज की दूरी मास्क है जरूरी की गाइडलाइन
औषधीय पौधे बांटने में आयुष विवि व दिव्य समिति भूल गई दो गज की दूरी मास्क है जरूरी की गाइडलाइन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी..मगर शायद श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय और दिव्य कुरुक्षेत्र पर्यावरण संरक्षण समिति इस बात को नहीं मानती। तभी तो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में औषधीय पौधे वितरित करते हुए इस बात का बिल्कुल ख्याल नहीं रखा गया। आयुष विश्वविद्यालय की ओर से जारी फोटो में दोनों ही बातों को न केवल नजरअंदाज किया गया बल्कि जिला प्रशासन के नियमों की धज्जियां भी उड़ाई गई हैं। फोटो में तमाम कर्मचारी हाथों में औषधीय पौधे तो लिए हुए दिखे, लेकिन एक दो कर्मचारी को छोड़कर बाकी किसी के चेहरे पर मास्क नहीं दिखाई दिया। दो गज की दूरी की बात तो कोसों दूर की बात है। ऐसे में श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय और दिव्य कुरुक्षेत्र पर्यावरण संरक्षण समिति जिस कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लोगों को इम्युनिटी बढ़ाने वाले औषधीय पौधे वितरित कर रहा है, दूसरी ओर मास्क के नियमित प्रयोग और दो गज की दूरी की गाइडलाइन की खुद ही अवहेलना कर रहा है। श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव कर्नल एसएन शर्मा ने भी प्रेस विज्ञप्ति में औषधीय पौधों के वितरण अभियान को लेकर जागरूक जरूर किया, लेकिन मास्क जरूरी की गाइडलाइन का जिक्र उन्होंने भी नहीं किया।

150 से अधिक पौधे बांटे

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय और दिव्य कुरुक्षेत्र पर्यावरण संरक्षण समिति की ओर से बुधवार को सामूहिक रूप से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के प्रांगण में पौधारोपण किया गया। यहां कर्मचारियों को अमृत बेल, गिलोय, लेमन ग्रास और गुलमोहर के 150 से अधिक औषधीय पौधे भी वितरित किए गए। कुवि सहायक कुलसचिव व दिव्य कुरुक्षेत्र पर्यावरण संरक्षण समिति के संयोजक जितेंद्र जांगड़ा ने श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बलदेव कुमार धीमान का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि आयुष विश्वविद्यालय जिले में औषधीय पौधे बांटकर सराहनीय काम कर रहा है। कोविड-19 महामारी में भी लोगों का आयुर्वेद में विश्वास बढ़ा है। यदि आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार लोग अपने जीवन का निर्वहन करते हैं तो निश्चित ही बड़ी से बड़ी महामारी से लड़ने में देश के नागरिक सक्षम बनेंगे।

पौधों के गुण तो बताए, मास्क की गाइडलाइन भूलें

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव कर्नल एसएन शर्मा ने कहा कि वर्ष में 50 हजार पौधे वितरण का विश्वविद्यालय ने लक्ष्य लिया है। अब तक आठ हजार से अधिक पौधे जिले में बांटे जा चुके हैं। कोरोना महामारी में आयुर्वेद के मिले लाभ की वजह से नागरिकों का रुझान औषधीय पौधों की ओर बढ़ा है। गिलोय, तुलसी, लेमन ग्रास और गुलमोहर औषधीय पौधे घर-घर पहुंचे इसके लिए विश्वविद्यालय प्रयासरत है।

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