अनलॉक में बच्चों के फ्लेवर दूध पर लॉक, दो महीने से नहीं मिल पाया

कोरोना महामारी में लगे लाकडाउन के दौरान शिक्षा विभाग ने बड़ी तेजी से पहली से 8वीं कक्षा तक के सभी 55 हजार लाभार्थियों को मिड-डे-मिल के तहत सूखा राशन घर-घर तक पहुंचाया। अब अनलॉक में विभाग ने घर-घर तक राशन पहुंचाने की रफ्तार कम हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 05:50 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 05:50 AM (IST)
अनलॉक में बच्चों के फ्लेवर दूध पर लॉक, दो महीने से नहीं मिल पाया
अनलॉक में बच्चों के फ्लेवर दूध पर लॉक, दो महीने से नहीं मिल पाया

अनुज शर्मा, कुरुक्षेत्र

कोरोना महामारी में लगे लाकडाउन के दौरान शिक्षा विभाग ने बड़ी तेजी से पहली से 8वीं कक्षा तक के सभी 55 हजार लाभार्थियों को मिड-डे-मिल के तहत सूखा राशन घर-घर तक पहुंचाया। अब अनलॉक में विभाग ने घर-घर तक राशन पहुंचाने की रफ्तार कम हो गई है। बड़ी बात यह है कि बच्चों को मिड-डे-मील के तहत सप्ताह में तीन दिन मिलने वाला फ्लेवर दूध दो माह से नहीं भेजा जा रहा है। ऐसे में बच्चों को सर्दियों में बिना दूध के मिड-डे मील सूखा ही खाना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी पर्याप्त मात्रा में पहुंचने का दावा कर रहे हैं।

प्राइमरी स्कूलों के अध्यापकों का कहना है कि नवंबर और दिसंबर महीने में मिड-डे-मिल में मिलने वाला फ्लेवर दूध नहीं भेजा गया है। ऐसे में बच्चों को बिना दूध मिड-डे मील दिया जा रहा है। विद्यार्थियों को दिया जा रहा खाना बनाने का पैसा

प्राइमरी कक्षा में प्रति विद्यार्थी खाना बनाने का पैसा 4.97 पैसे, प्राइमरी से ऊपर प्रति विद्यार्थी 7.45 पैसे के हिसाब से खाते में दी जा रही है। प्राइमरी क्लास प्रति विद्यार्थी 149.1 रुपये, इससे ऊपर तक प्रति विद्यार्थी कुल राशि 223.5 रुपये बैंक खाते में भेजे जाते हैं। नहीं मिल पा रहे पोषक तत्व

विद्यार्थियों को दूध न मिलने से पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे हैं। जबकि सूखा दूध फैट रहित होता है। जिसमें 64 फीसदी स्किम्ड दूध फैट रहित, 33 फीसदी शुगर, तीन फीसदी फ्लेवर डालकर तैयार किया जाता है। प्राइमरी व मिडिल स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्यानुसार मिड-डे-मिल स्कूलों में पहुंचाया गया है। उनके पास किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है। ऐसा है तो उनको राश पहुंचाया जाएगा।

- सतनाम सिंह भट्टी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी

chat bot
आपका साथी