पराली जलाएगा तो किसान नुकसान उठाएगा

अगर किसान फानों में आग लगाएगा तो इसका नुकसान भी उसे ही उठाना पड़ेगा। ऐसा कर वह अपने खेत की मिट्टी को बंजर बना रहा है। इसका सीधा असर पैदावार पर पड़ता है। यह सारी बातें गांव हथीरा के किसान एक-दूसरे को बता कर फानों को आग ना लगाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 07:46 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 07:46 AM (IST)
पराली जलाएगा तो किसान नुकसान उठाएगा
पराली जलाएगा तो किसान नुकसान उठाएगा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अगर किसान फानों में आग लगाएगा तो इसका नुकसान भी उसे ही उठाना पड़ेगा। ऐसा कर वह अपने खेत की मिट्टी को बंजर बना रहा है। इसका सीधा असर पैदावार पर पड़ता है। यह सारी बातें गांव हथीरा के किसान एक-दूसरे को बता कर फानों को आग ना लगाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए खेतों में खड़े किसानों ने कहा कि उन्हें इस बात की भली प्रकार से जानकारी है कि फानों में आग लगाने से उनके खेत की मिट्टी की उपरी सतह भी जल रही है। इस सतह के जलकर सख्त होने से इसकी उपजाऊ शक्ति भी कम होती जा रही है। वह हर साल फसल कटाई के बाद खेत में खड़े फानों को मिट्टी में मिलाते हैं, उससे खेत की उपजाऊ शक्ति बढ़ रही है।

किसान राजकुमार ने कहा कि यह तो हम भी सालों से देखते आ रहे हैं, अपने घर पर भी प्राचीन समय में जहां पर मिट्टी के चूल्हे बनाए जाते थे, उसके नीचे की मिट्टी जलकर लाल हो जाती थी। इस मिट्टी में कोई फसल पैदा नहीं हो सकती। किसान जोगिद्र ने बताया कि उन्होंने तो कई सालों से खेत के फानों में आग लगानी बंद कर रखी है। वह तो फानों को मल्चर लगाकर खेत की मिट्टी में ही मिला देते हैं। इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। किसान राजबीर ने कहा कि फसल अवशेष को खेत में ही दबाने पर फसल में खाद भी कम डालना पड़ता है और अच्छी पैदावार होती है। इसलिए किसान को चाहिए कि वह अपने खेत में खड़े फानों को आग लगाने की बजाय खेत में ही दबाए।

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