गीता महोत्सव में पेड़ों पर बिजली की लाइटें लगाई तो एनजीटी में उठेगा मामला
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पेड़ों पर बिजली की तारें और सजावटी लाइटें लगाने के विरोध में ग्रीन अर्थ संगठन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में मामला उठाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस बार भी अगर प्रशासन ने इस बात को अनदेखा किया तो एनजीटी में कंटेंप्ट याचिका डाली जाएगी। एनजीटी को इसको लेकर पहले ही केडीबी को आदेश दे रखे हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पेड़ों पर बिजली की तारें और सजावटी लाइटें लगाने के विरोध में ग्रीन अर्थ संगठन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में मामला उठाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस बार भी अगर प्रशासन ने इस बात को अनदेखा किया तो एनजीटी में कंटेंप्ट याचिका डाली जाएगी। एनजीटी को इसको लेकर पहले ही केडीबी को आदेश दे रखे हैं। संगठन के पदाधिकारियों ने उपायुक्त और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड को पत्र भेजकर इस बात से अवगत करवाया है।
संगठन के सचिव डॉ. अशोक चौहान ने कहा कि पुरुषोत्तमपुरा बाग व ब्रह्मासरोवर के आस-पास खड़े पेड़ों पर बिजली की तारें व सजावटी लाइटें लगाने से इन पर रहने वाले हजारों पक्षी व जीव जंतु प्रभावित होते हैं। यह पर्यावरण कानूनों के विरुद्ध तथा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का भी उल्लंघन है।
संगठन ने प्रशासन से ये भी मांग की है की महोत्सव के दौरान आतिशबाजी ना करवाई जाए। इस आतिशबाजी से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है। संगठन की मांग पर ही प्रशासन ने वर्ष 2018 से गीता महोत्सव में की जाने वाली आतिशबाजी पर रोक लगाई थी। डॉ. नरेश भारद्वाज ने बताया की तारों व सजावटी लाइटों से गुजरने वाले करंट व रात में होने वाली रोशनी से पेड़ों का विकास व उन पर रहने वाले पक्षी व जीव-जंतुओं की दिनचर्या व स्वास्थ्य प्रभावित होता है। एनजीटी नई दिल्ली ने पेड़ों पर किसी भी प्रकार की बिजली की तारें, सजावटी लाइट/ केबल या होर्डिग्स लगाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है ताकि पेड़ों को कोई नुकसान ना पहुंचे।