मानव जीवन ईश्वरीय कृपा का उपहार : महाराज
गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि मानव जीवन केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। मनुष्य जीवन की प्राप्ति अपने आप में सौभाग्य की बात है।
फोटो संख्या : 10 संवाद सहयोगी, शाहाबाद : गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि मानव जीवन केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। मनुष्य जीवन की प्राप्ति अपने आप में सौभाग्य की बात है। मनुष्य जीवन परमपिता परमात्मा की अनूठी एवं अद्भूत रचना है। इतना ही नहीं मनुष्य जीवन ईश्वरीय कृपा का उपहार है। उन्होंने यह बात मंगलवार को जीओ गीता और श्रीकृष्ण कृपा परिवार की ओर से मारकंडा नेशनल कालेज में आयोजित दिव्य सत्संग में प्रवचन करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि मानव जीवन मानव के अनुकूल बनाने के लिए हमें निश्चित ही गीता का अनुसरण करना होगा। अपने कर्तव्य बोध का ज्ञान प्राप्त करना होगा। कर्तव्य बोध का अहसास करवाने वाली गीता उस अवस्था के लिए है जब कर्तव्य के ऊपर मोह और आसक्ति हावी होने लगे। गीता ने कहा कि जब कुर्सी की आसक्ति यह भूला दे कि कुर्सी के प्रति मेरा दायित्व क्या है उस अवस्था के समाधान के लिए गीता ही एकमात्र विकल्प है। खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह बतौर मंगलवार को मुख्यातिथि पहुंचे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर मारकंडा नेशनल कालेज के प्रधान यशपाल वधवा, ऋषि चावला, अग्रवाल सभा के पूर्व प्रधान नरेंद्र गर्ग ने दीप प्रज्ज्वलित किया।
खेल मंत्री ने लिया आशीर्वाद
मुख्य यजमान विजय मित्तल, अमित चावला, नवीन मित्तल एवं कुंती यादव ने गीता पूजन किया। खेल मंत्री ने गीता मनीषी से आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी भाग दौड़ के जीवन में कुछ समय प्रभु के लिए भी बचाकर रखने चाहिए। भगवान के चरणों में व्यक्ति के मन को शांति मिलती है।