राष्ट्र भाषा के साथ वैज्ञानिक भाषा भी है हिदी : सचदेवा

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि हिदी हमारी राष्ट्रभाषा के साथ-साथ एक वैज्ञानिक भाषा है। हिदी जैसी बोली जाती है वैसी ही लिखी भी जाती है। मंगलवार को वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में कुवि के हिदी विभाग युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग तथा इंस्टीट्यूट आफ इंटिग्रेटिड एंड आनर्स स्टडीज के संयुक्त तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला में भारत की आजादी में साहित्यकारों का योगदान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 11:48 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 11:48 PM (IST)
राष्ट्र भाषा के साथ वैज्ञानिक भाषा भी है हिदी : सचदेवा
राष्ट्र भाषा के साथ वैज्ञानिक भाषा भी है हिदी : सचदेवा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि हिदी हमारी राष्ट्रभाषा के साथ-साथ एक वैज्ञानिक भाषा है। हिदी जैसी बोली जाती है वैसी ही लिखी भी जाती है। मंगलवार को वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में कुवि के हिदी विभाग, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग तथा इंस्टीट्यूट आफ इंटिग्रेटिड एंड आनर्स स्टडीज के संयुक्त तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला में भारत की आजादी में साहित्यकारों का योगदान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संपर्क भाषा, संवाद या संख्या की दृष्टि से हिदी सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली भाषा है। वर्तमान में हिदी उपभोक्ता के व्यवहार की भाषा बन चुकी है। भविष्य में हिदी वैश्विक रूप धारण कर पूरे विश्व में प्रसारित एवं प्रचारित होगी।

मुख्य वक्ता राष्ट्रपति सचिवालय के विशेष कार्य अधिकारी डा. राकेश बी. दूबे ने कहा कि साहित्य को समाज का दर्पण भी कहा जाता है। पत्रकारिता का कार्य जोखिम भरा कार्य है। पत्रकारिता ने स्वतंत्रता में परतंत्रता की बेड़ियां काटने का कार्य किया है। हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डा. चंद्र त्रिखा ने कहा कि हिदी ने आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई व राष्ट्रीय चेतना जगाई। कुवि हिदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. लाल चंद गुप्त मंगल ने कहा कि हिदी भाषा और स्वाधीनता आंदोलन दोनों पर्यायवाची हैं। हिदी पीठ वारसा विवि पोलैंड के पूर्व अध्यक्ष डा. सुधांशु शुक्ला ने कहा कि भाषा हमारा संस्कार एवं संस्कृति है। मंच का संचालन युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डा. महासिंह पूनिया ने किया।

ये रहे मौजूद

इस मौके पर कुलसचिव डा. संजीव शर्मा, बीआर अंबेडकर अध्ययन केंद्र के सह-निदेशक डा. प्रीतम सिंह, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. परमेश, सचिव डा. विवेक गौड़, डा. संजीव गुप्ता, डा. अनिल गुप्ता व डा. अशोक शर्मा मौजूद रहे।

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