हसला ने फ्रंटलाइन वर्कर में प्राध्यापकों को शामिल करने की उठाई मांग

कुरुक्षेत्र हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन ने कोरोना काल में ड्यूटी दे रहे प्राध्यापकों को फ्रंट लाइन वर्कर में शामिल करने की मांग उठाई है। साथ ही वैक्सीनेशन लगवाने की मांग रखी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:34 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:34 AM (IST)
हसला ने फ्रंटलाइन वर्कर में प्राध्यापकों को शामिल करने की उठाई मांग
हसला ने फ्रंटलाइन वर्कर में प्राध्यापकों को शामिल करने की उठाई मांग

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन ने कोरोना काल में ड्यूटी दे रहे प्राध्यापकों को फ्रंट लाइन वर्कर में शामिल करने की मांग उठाई है। साथ ही वैक्सीनेशन लगवाने की मांग रखी है।

हसला के जिला प्रधान बलराम शर्मा ने सरकार व मुख्य सचिव को इस बारे में मांग भेजी है। उन्होंने इस दौरान किसी के निधन की स्थिति में एक करोड़ की राशि बतौर मुआवजा देने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना महामारी के आने के बाद स्कूल लेक्चरर ने फ्रंटलाइन में आकर काम किया। वे अब भी लगातार काम कर रहे हैं। विषम परिस्थितियों में डटे हुए हैं। उनका मानना है कि मानवता व समाज की रक्षा भी अध्ययन व अध्यापन का प्रमुख पहलू है, लेकिन अफसोस व दुख की बात है कि अब तक स्कूल लेक्चरर को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा नहीं दिया गया है और न ही इस तरफ कोई ठोस कदम उठाया गया है। ऑनलाइन प्रशिक्षण के बाद होम आइसोलेशन में मरीजों के जीवन को बचाने के लिए उनका ध्यान रखने का कर्तव्य प्रदान किया गया। हसला के साथी इससे भी पीछे नहीं हट रहे। स्वास्थ्यकर्मियों ने काले बिल्ले लगाकर जताया रोष

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर सोमवार को एनएचएम कर्मियों ने अपनी मांगों व समस्याओं को लेकर काले बिल्ले लगाकर सरकार के खिलाफ रोष जताया। कर्मियों ने आउटसोर्सिग के कर्मचारियों को सरकार रोस्टर प्रणाली पर लेने और उन्हें न हटाने की मांग की। उन्होंने कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा देने की मांग की।

संघ के जिला अध्यक्ष डा. सुरेश शर्मा ने कहा कि सेवा नियमों में वेतन विसंगति है। इसको जल्द दूर किया जाए, सभी कर्मियों को सातवां वेतन लागू दिया जाएं। इसके साथ वंचित कर्मियों को वर्गों को सेवा नियम का लाभ मिले और कैश-लेस मेडिकल सुविधा मिले। उनके साथ आउटसोर्सिंग, एड्स मलेरिया, स्टाफ नर्स, एएनएम, मेडिकल ऑफिसर, सीएचओ, आयुष विभाग आइडीएसपी, इंफॉर्मेशन असिस्टेंट, कंप्यूटर असिस्टेंट, आरटीएस, फार्मासिस्ट, आरटीएस, पॉलीक्लीनिक, यूएचसी, एमएमआइवाइ, एनटीसीपी, लेप्रोसी सभी कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं की अनदेखी के खिलाफ भी रोष जताया।

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