लालच ऐसा कि.. कोठियों वाले कागज में बन गए गरीब

दो मंजिला मकान, वाहन घर आंगन में, महंगा मोबाइल यही नहीं आयकर दाता की सूची में नाम होने के बावजूद भी लालच के वश में आकर ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदन भरने में लगे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 01:14 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 01:14 AM (IST)
लालच ऐसा कि.. कोठियों वाले कागज में बन गए गरीब
लालच ऐसा कि.. कोठियों वाले कागज में बन गए गरीब

दीपक वशिष्ठ , इस्माईलाबाद : दो मंजिला मकान, वाहन घर आंगन में, महंगा मोबाइल यही नहीं आयकर दाता की सूची में नाम होने के बावजूद भी लालच के वश में आकर ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदन भरने में लगे हुए हैं। ऐसे आवेदकों की कतारें खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी कार्यालय व बैंकों में देखी जा सकती हैं। अधिकारी भी मानते हैं कि अपात्र लोगों की संख्या अभी तक अधिक ही सामने आ रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पात्रों को मकान बनाने के लिए अनुदान दिया जाएगा। इसमें गरीब और मकान बनाने में असमर्थ लोग ही पात्रता रखते हैं। इस समय ऐसे लोग आवेदन कर रहे हैं जो कि पहले से ही लेंटर वाले मकान में रह रहे हैं। यही नहीं अच्छे खासे रकबे में रैन बसेरा बनाए हुए हैं। ऐसे लोग वाहन, बेहतर मकान, महंगे मोबाइल से लैस होने के साथ ही बाकायदा इंकम टैक्स तक अदा कर रहे हैं। यही नहीं प्रति वर्ष रिटर्न भरने वालों की भी अच्छी खासी तादाद है। ऐसे लोग भी आवेदन कर रहे हैं जो कि ठेके पर जमीन लेकर पांच से दस एकड़ तक की जमीन में काश्त कर रहे हैं। ऐसे लोग तर्क देते हैं कि यह भी मजदूरी है। जबकि इन लोगों का आढ़तियों के पास बाकायदा खाता चल रहा है। कुछ लोग तो बेहतर मकान के साथ सर्वे के लिए एक टूटा मकान भी यहां वहां बनाकर रखे हुए हैं। दस एकड़ तक के किसान भी बेटों के नाम पर योजना में आवेदन यह कहकर दे रहे हैं कि जमीन तो बेटों के नाम ही नहीं है। ऐसे लोग भी आवेदन भर रहे हैं जो कि सालों पहले मकान बनाने का अनुदान गटक चुके हैं। ऐसे लोगों के पहले से ही अनुदान प्राप्त सूची में नाम शामिल हैं।

यह है योजना

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ऐसे परिवार को ही अनुदान मिलेगा जिसका मकान जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। जो कि वास्तव में पात्र है। जिसका जीविका केवल मजदूरी के सहारे है। ऐसे पात्र को एक लाख 38 हजार रूपये मिलेंगे। पात्र का प्रशासन द्वारा मजदूरी का जाब कार्ड बनाया जा रहा है। पात्र को मनरेगा के माध्यम से 9 हजार अलग से मजदूरी के रूप में मिलेंगे।

तीन सर्वे हो चुके

पात्रों के घरों का पहले ग्राम सभा में नाम शामिल किया गया। इसके बाद प्रशासन ने सर्वे करवाया। ग्राम सचिवों से भी सर्वे करवाकर सूची तैयार की गई। अब आवेदन लिए जा रहे हैं। इसके बाद जिला अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय की टीम घर घर जाकर पात्रता जांचेगी।

आवेदन के साथ दस्तावेज

आवेदक को पत्नी का मकान सहित फोटो, मकान में लेंटर नहीं होना चाहिए। राशन कार्ड, परिवार के सदस्यों के आधार कार्ड, जाब कार्ड, बैंक खाता की फोटो प्रति देनी होगी। आवेदन सरपंच या पार्षद से सत्यापित होना चाहिए।

अपात्र होंगे बाहर

खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी राजबीर ¨सह ने बताया कि अपात्र लोगों को योजना का कोई लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि आवेदन लेकर पुराने सर्वे से मिलान किया जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट जिला अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय को भेज दी जाएगी। इसके बाद एक फाइनल सर्वे होगा। उन्होंने कहा कि केवल पात्र ही योजना का लाभ ले पाएंगे। इनकी सूची पहले से ही तैयार है।

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