ज्योतिसर से पिहोवा तीर्थ तक सरस्वती नदी के किनारों पर सैर के लिए बनेगी पगडंडी, युद्ध स्तर पर चल रहा स्वच्छता अभियान

-नदी पर प्राचीन तीर्थों के आसपास बनेंगे भव्य पार्क हरे भरे होंगे किनारे संवाद सहयोगी पिहो

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:50 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:50 AM (IST)
ज्योतिसर से पिहोवा तीर्थ तक सरस्वती नदी के किनारों पर सैर के लिए बनेगी पगडंडी, युद्ध स्तर पर चल रहा स्वच्छता अभियान
ज्योतिसर से पिहोवा तीर्थ तक सरस्वती नदी के किनारों पर सैर के लिए बनेगी पगडंडी, युद्ध स्तर पर चल रहा स्वच्छता अभियान

-नदी पर प्राचीन तीर्थों के आसपास बनेंगे भव्य पार्क, हरे भरे होंगे किनारे

संवाद सहयोगी, पिहोवा: ज्योतिसर से पिहोवा तक सरस्वती नदी के जीर्णोद्धार का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। रविवार को हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच ने इस अभियान का निरीक्षण किया। गांव भौर सैयदां और टकोरन के बीच सरस्वती नदी में प्रवाहित स्वच्छ जल को देखकर उन्होंने खुशी जाहिर की और अगले दस दिन तक पिहोवा तीर्थ तक सरस्वती नदी को साफ करने की बात भी कही है।

धुम्मन सिंह किरमिच ने कहा कि मनरेगा के तहत मजदूर सरस्वती नदी की सफाई करने में लगे हुए हैं और जिस तेजी के साथ काम चल रहा है उससे 10 दिन तक पिहोवा तीर्थ तक सरस्वती को बिल्कुल साफ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का कार्य पूरा होने के बाद नदी के दोनों किनारों पर पगडंडी बनाई जाएगी। ज्योतिसर से पिहोवा तक नदी के दोनों किनारों पर पगडंडी बनाकर इन्हें सैर योग्य बनाया जाएगा। इस पर पैदल यात्री और प्रदूषण मुक्त वाहन जैसे ई-रिक्शा, साइकिल के जरिए लोग इसके आसपास स्थित घाटों और अन्य तीर्थ स्थलों के दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा तीर्थ के दोनों किनारों पर जगह-जगह औषधीय पौधे और पार्कों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही दोनों तरफ पौधारोपण करके नदी को हरा-भरा बनाया जाएगा। इससे यहां धर्म और पर्यटन की आस्था का अनूठा संगम स्थापित होगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। नदी को आस्था के साथ टूरिजम हब के रूप में भी विकसित करने की दिशा में बोर्ड कार्य कर रहा है।

घाटों का होगा निर्माण

उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह ने कहा कि बोर्ड नदी के दोनों किनारों के घाटों एवं तीर्थों को विकसित करके यहां जीर्णोद्धार करेगा और यहां पहुंचने वाले रास्तों को पक्का किया जाएगा। इसके अलावा आदिबद्री से लेकर पिहोवा तक सरस्वती का जीर्णोद्धार कार्य पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने का जिम्मा बोर्ड को सौंपा है। नदी के आसपास जितने भी तीर्थ होंगे उन सब का जीर्णोद्धार किया जाएगा। साथ ही सरस्वती नदी की साइट से अवैध कब्जे हटाकर इसका प्राचीन स्वरूप बहाल करने की दिशा में भी लगातार काम जारी है। प्राचीन स्वरूप बहाल होने से क्षेत्र की पानी की समस्या को हल करने के साथ-साथ जल स्तर में भी सुधार लाया जा सकेगा। इससे किसानों को सिचाई के लिए भी पानी मिलेगा।

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