कोरोना से जंग में डा. शुभम ने बचाई मरीजों की जान

कहते हैं कि किसी भी जंग को जीतने में उम्र कोई मायने नहीं रखती। हौसला और निश्चय बड़ा होना चाहिए। फिर मुसीबत कितनी भी बड़ी हो उससे पार पाया जा सकता है। कोरोना महामारी से आजादी दिलाने में भी 26 वर्षीय डा. शुभम ने अपने हौसले का प्रमाण दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 11:39 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 11:39 PM (IST)
कोरोना से जंग में डा. शुभम ने बचाई मरीजों की जान
कोरोना से जंग में डा. शुभम ने बचाई मरीजों की जान

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र :

कहते हैं कि किसी भी जंग को जीतने में उम्र कोई मायने नहीं रखती। हौसला और निश्चय बड़ा होना चाहिए। फिर मुसीबत कितनी भी बड़ी हो उससे पार पाया जा सकता है। कोरोना महामारी से आजादी दिलाने में भी 26 वर्षीय डा. शुभम ने अपने हौसले का प्रमाण दिया। कोरोना की पहली लहर में लाकडाउन के दौरान जब अच्छे अच्छे विशेषज्ञ इसे लेकर चितित थे। उस समय 26 वर्षीय डा. शुभम रेलवे स्टेशन पर डटे थे और बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिग कर रहे थे। पूरे तीन महीने उन्होंने दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की स्क्रीनिग की। इस दौरान उन्होंने ट्रेनों से उतरने वाली भीड़ में स्क्रीनिग करके 29 कोरोना पाजिटिव मरीजों को ढूंढ़ निकाला था और संक्रमण के फैलाव को शहर में बढ़ने से रोका था। इसके बाद दूसरी लहर में उन्हें आयुष विभाग ने कंटेनमेंट और बफर जोन में आयुर्वेदिक दवाएं वितरित करने के लिए उतारा गया। यहां भी उन्होंने बिना किसी डर के अपनी ड्यूटी को निष्ठा पूर्वक निभाया।

लोग तो मुझसे भी दूरी बनाते थे

अब स्योंसर आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में तैनात डा. शुभम बताते हैं कि पहली लहर में कोरोना को लेकर कई तरह के सवाल और चिताएं थीं। उनके मन में भी कई सवाल थे। मगर सबसे बड़ी बात थी कि अपने शहर में बाहर से आने वाले लोगों के माध्यम से कोरोना को फैलने से बचाना। इसलिए ड्यूटी को पूरी निष्ठा के साथ निभाया। मेरी ड्यूटी के दौरान ऐसा कोई यात्री नहीं होता था जिसकी थर्मल स्क्रीनिग न की गई हो। बहुत से यात्री स्क्रीनिग कराने तक से बचते थे। मगर इस बात का ध्यान रखा गया क्योंकि एक कोरोना पाजिटिव मरीज कई लोगों को संक्रमित कर सकता था। इसलिए थर्मल स्क्रीनिग के बाद अगर किसी का शरीर का तापमान ज्यादा होता था तो तुरंत उसका कोरोना टेस्ट कराया जाता था। ऐसे 29 यात्री मिले थे जो बाहर से आए थे और वे टेस्ट के बाद कोरोना पाजिटिव निकले। उन्हें उतरते ही चिह्नित कर लिया गया और सैंपल के बाद अलग से क्वारंटाइन किया गया।

आयुर्वेदिक दवाओं की किट बांट रहे

आयुर्वेदिक दवाओं की किट वितरित की जा रही है। आयुष विभाग की ओर से लोगों को आयुर्वेदिक दवाओं की किट उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि लोग अपनी इम्युनिटी बढ़ाकर रखें। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में पौधारोपण भी किया जा रहा है। औषधीय पौधों का प्रचार प्रसार किया जा रहा है, ताकि लोग इन्हें अपने घर, दुकानों और जमीनों पर लगाकर इसका स्वास्थ्य लाभ ले सकें।

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