प्रकृति का जननी की तरह करें पालन : ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी

लाडवा ब्रह्माचारी ब्रह्मास्वरूप महाराज ने प्रकृति को संरक्षित करने का सर्वत्र पुरजोर समर्थन किया। इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने मंगलवार को लाडवा के संजय गांधी पब्लिक स्कूल परिसर में नीम का पौधारोपण किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 07:23 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 07:23 AM (IST)
प्रकृति का जननी की तरह करें पालन : ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी
प्रकृति का जननी की तरह करें पालन : ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी

संवाद सहयोगी, लाडवा : ब्रह्माचारी ब्रह्मास्वरूप महाराज ने प्रकृति को संरक्षित करने का सर्वत्र पुरजोर समर्थन किया। इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने मंगलवार को लाडवा के संजय गांधी पब्लिक स्कूल परिसर में नीम का पौधारोपण किया।

उन्होंने कहा कि प्रकृति का जननी की तरह पालन करना हर जन का कर्तव्य है। प्रकृति जीवनदायिनी शक्ति प्रदान कर मानव जाति को पोषित करती है। इसके गौरव को बढ़ाना अधिक से अधिक पौधे लगाकर ही संभव है। उन्होंने विद्यालय के पुस्तकालय में 51 हजार रुपये की धनराशि भी प्रदान की। उनके साथ आए राजेश शांडिल्य, समाजसेवी खैराती लाल सिगला, प्रवेश राणा, श्रवण कुमार, सीए दिनेश बंसल ने भी पौधारोपण कर लोगों को अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया। स्कूल प्रबंधक कमेटी के प्रधान पवन गर्ग ने बताया कि इंदिरा गांधी नेशनल कालेज, संजय गांधी मेमोरियल पब्लिक स्कूल एवं संजय गांधी ओम प्रकाश मेमोरियल पब्लिक स्कूल सुजरा बाबैन में कोरोना महामारी के दौरान भी आगे बढ़कर योगदान दिया है। पर्यावरण को बचाने के लिए पांच हजार पौधों का रोपण किया। इस वर्ष पौधारोपण का शुभारंभ ब्रह्म स्वरूप ब्रह्माचारी के कर कमलों से स्कूल परिसर में पौधा लगाकर किया गया। इस वर्ष भी करीब चार हजार पौधे रोपण का संकल्प है। इस मौके पर विद्यालय के सचिव रविद्र बंसल, कोषाध्यक्ष जितेंद्र सिंह गिल, स्कूल के प्रधानाचार्य धर्मेंद्र खेड़ा, रूपेश गौड, राजेश मथाना, संदीप बंसल, विद्यालय के उप-प्रधानाचार्य नरेंद्र शर्मा, समन्वयक सुशील दुआ, राजवीर शर्मा, पूनम शर्मा मौजूद रहे।

फसल विविधिकरण को दे बढ़ावा : सुधा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं। किसान धान की रोपाई से किनारा कर इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना ने आमजन को एक नई राह दिखाने का काम किया है। यह योजना अपनाने पर किसान को प्रति एकड़ सात हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। इस पंजीकरण के बाद फसल की बिक्री पर किसान को यह राशि जारी कर दी जाएगी। किसानों को जागरूक होकर पानी बचाने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना को क्रियान्वित करने और फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने तथा तकनीकी जानकारी हेतु किसानों को गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों की ओर से वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने की पूरी जानकारी दी जाएगी।

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