गांव सैनी माजरा में टोल को किसानों ने दिन भर रखा फ्री, करीब चार लाख का नुकसान

कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को किसानों ने अंबाला-हिसार मार्ग पर गांव सैनी माजरा के पास लगे टोल को फ्री कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Dec 2020 07:42 AM (IST) Updated:Sun, 13 Dec 2020 07:42 AM (IST)
गांव सैनी माजरा में टोल को किसानों ने दिन भर रखा फ्री, करीब चार लाख का नुकसान
गांव सैनी माजरा में टोल को किसानों ने दिन भर रखा फ्री, करीब चार लाख का नुकसान

संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद :

कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को किसानों ने अंबाला-हिसार मार्ग पर गांव सैनी माजरा के पास लगे टोल को फ्री कर दिया। भाकियू के आह्वान पर शनिवार की सुबह आठ बजे ही किसान एकत्रित होकर सैनी माजरा में टोल पर पहुंचे और उस पर कब्जा जमा लिया। किसानों ने दिन भर टोल के पास ही धरना देकर केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों का नेतृत्व करते हुए मनजीत चौधरी ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई का समय आ गया है। इसके लिए किसानों को अब सड़कों पर उतरना होगा। उन्होंने कहा कि एक दिन के टोल फ्री के बाद भाकियू अगली रणनीति तैयार करेगी।

दूसरी बार हुआ टोल फ्री

तीन कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुए आंदोलन में ही किसानों ने दो बार टोल को फ्री कर दिया है। इससे टोल कंपनी को एक दिन का चार लाख रुपए के करीब फटका लगा है। इससे पहले भाकियू ने आठ दिसंबर को टोल बंद करवाया था, वहीं बिना टोल दिए गुजरने वाले वाहनों के मालिकों ने भाकियू का आभार जताया।

टोल फ्री कर लगाए प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे

किसान नेता जसबीर सिंह मामूमाजरा भी शनिवार को सैनी माजरा टोल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश को कारपोरेटरों को बेचने का काम किया है। उन्होंने कहा कि किसानों का मकसद आम आदमी को परेशान करना नहीं है बल्कि किसान आमजन, मजदूर, आढ़ती की लड़ाई भी लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के कारण आम आदमी महंगाई के बोझ तले दब जाएगा। किसान अपने ही खेत में बंधुवा मजदूर बन जाएगा। इसलिए जब तक केंद्र सरकार इन बिलों को वापस नहीं लेती तब तक किसान आंदोलन चलता रहेगा।

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