क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिग की नकली एप से लग सकता है चूना : गर्ग

कुरुक्षेत्र साइबर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। अब साइबर अपराधियों ने क्रिप्टोकरेंसी की ओर लोगों के बढ़ते रुझान को देखते हुए भोले-भाले लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 06:28 AM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 06:28 AM (IST)
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिग की नकली एप से लग सकता है चूना : गर्ग
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिग की नकली एप से लग सकता है चूना : गर्ग

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : साइबर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। अब साइबर अपराधियों ने क्रिप्टोकरेंसी की ओर लोगों के बढ़ते रुझान को देखते हुए भोले-भाले लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए साइबर अपराधी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिग के नकली एप तैयार कर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। एक बार जाल में फंसने के बाद लोगों को चूना लगाकर फरार हो रहे हैं। देश भर के बड़े शहरों में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। इस मामले सामने आने पर पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग ने आमजन को सचेत किया है।

पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग ने कहा कि आमजन जागरूकता से ही साइबर अपराधियों के चंगुल में आने से बच सकता है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए विकसित किए गए नकली क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिग मोबाइल एप्लिकेशन एप बना कर उसके माध्यम से निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करते हैं। इससे लोग आकर्षित होते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।

इंटरनेट मीडिया का करते हैं उपयोग

जालसाज आमने-सामने की बैठक की बजाय इंटरनेट मीडिया और डेटिग साइट के माध्यम से लोगों से संपर्क करते हैं। उनसे दोस्ती करते हैं और मैसेजिग एप के माध्यम से बात करते हैं। विश्वास हासिल करने के बाद सामने वाले को क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिग एप डाउनलोड करने के लिए मना लेते हैं। वह सामने वाले को लिक भेजते हैं और एप इंस्टाल करने की सलाह देते हैं। क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिग के लिए एप पर वालेट के साथ एक खाता बनाकर कुछ क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए प्रोत्साहित कया जाता है। इसे अपने वालेट में स्थानांतरित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। जब व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता है और क्रिप्टोकरेंसी खरीद लेता है और उन्हें अपने खाते मे स्थानांतरण करने के लिए कहता है तो साइबर ठग बहाने बनाना शुरू कर देते हैं। इसके बाद स्कैमर्स पीड़ित के खाते को ब्लाक कर देते हैं और पीड़ित की निवेश की गई राशि ठग ली जाती है। इतना ही नहीं कई बार संवेदनशील व गोपनीय जानकारी भी हासिल कर लेते हैं। आमजन से अपील की है कि वह किसी भी इंस्टैंट मैसेजिग प्लेटफार्म पर अज्ञात लिक पर क्लिक करने से बचें।

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