देव दीपावली पर दीप दान आज, संस्थाओं में उत्साह

कार्तिक माह की पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहा जाता है। देव दीपावली पर दीपदान के महत्व को देखते हुए जिला भर की विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं ने शुक्रवार को दीपदान का फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 08:19 PM (IST) Updated:Thu, 18 Nov 2021 08:19 PM (IST)
देव दीपावली पर दीप दान आज, संस्थाओं में उत्साह
देव दीपावली पर दीप दान आज, संस्थाओं में उत्साह

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कार्तिक माह की पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहा जाता है। देव दीपावली पर दीपदान के महत्व को देखते हुए जिला भर की विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं ने शुक्रवार को दीपदान का फैसला लिया है। कई संस्थाएं इस दिन ब्रह्मासरोवर व सन्निहित सरोवर पर एकत्रित होकर दीपदान करेंगी। ब्रह्मासरोवर तट स्थित प्राचीन श्रीदुर्गा माता मंदिर, पिहोवा स्थित भगवान कार्तिकेय मंदिर, श्रीपंच दशानन जूना अखाड़ा, गायत्री अनुसंधान केंद्र, सामाजिक संस्था हम फाउंडेशन और गो गायत्री सत्संग सेवा समिति सहित कई धार्मिक संगठन इस दिन दीपदान करेंगे। दीप दान को लेकर संस्थाओं ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्वर्ग से देवता पृथ्वी पर आकर पवित्र गंगा में स्नान करते हैं। देव दीपावली पर देवताओं का पृथ्वी पर स्वागत करने के लिए दीपदान किया जाता है। इस दिन तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है।

सदस्यों की लगाई ड्यूटियां

हम फाउंडेशन के अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि इस दिन संस्था के पदाधिकारी अपने साथ लगते पवित्र सरोवरों और तालाबों में दीप दान करेंगे। इसके लिए सभी सदस्यों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। प्राचीन काल से ही कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान किया जा रहा है।

दीपदान से मिलती है समृद्धि

गो गीता गायत्री सत्संग सेवा समिति के अध्यक्ष अनिल शास्त्री ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान करने से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं। पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन दीप दान अवश्य करना चाहिए। देवोत्थान एकादशी के बाद इस दिन श्री हरि विष्णु योग निद्रा से जागकर भगवान शिव से मिलने जाते हैं। बैकुंठ चतुर्दशी की पुराणों में प्रमुख रूप से तीन कथाएं मिलती हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि भगवान विष्णु की कथा सुनने एवं पढ़ने से 14000 पाप कर्मों का दोष मिट जाता है।

chat bot
आपका साथी