धर्मनगरी के चार योद्धा पानीपत के कोविड अस्पताल में देंगे ड्यूटी

कुरुक्षेत्र पानीपत रिफाइनरी के पास कोविड-19 अस्पताल में जिले से चार स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। ये जल्द ही अपनी सेवाएं नए अस्पताल में शुरू करेंगे। इसके साथ एक खास बात निकलकर सामने आई है कि इनमें से दो कर्मचारी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 06:45 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 01:14 AM (IST)
धर्मनगरी के चार योद्धा पानीपत के कोविड अस्पताल में देंगे ड्यूटी
धर्मनगरी के चार योद्धा पानीपत के कोविड अस्पताल में देंगे ड्यूटी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पानीपत रिफाइनरी के पास कोविड-19 अस्पताल में जिले से चार स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। ये जल्द ही अपनी सेवाएं नए अस्पताल में शुरू करेंगे। इसके साथ एक खास बात निकलकर सामने आई है कि इनमें से दो कर्मचारी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। हालांकि अब जिला सिविल सर्जन ने इनमें से बीमार कर्मचारियों की ड्यूटी कोविड-19 अस्पताल में नहीं लगाने की सिफारिश उच्चाधिकारियों से करने की बात कही है। इन सबके बीच दूसरे कर्मचारी भी स्टाफ की कमी होने की बात कहकर आदेशों को रद करने की मांग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि पानीपत और हिसार में कोविड-19 अस्पताल बनाए गए हैं। इन अस्पतालों में ड्यूटी करने के लिए एक स्टाफ नर्सिंग आफिसर, एक स्टाफ नर्स और दो फार्मासिस्टों की ड्यूटियां लगाई गई है। इनमें से दो कर्मचारी पहले ही कोविड-19 में टीकाकरण अभियान को लेकर ड्यूटी कर भी रहें हैं। जबकि एक फार्मासिस्ट और एक स्टाफ नर्सिंग आफिसर बीमारी से ग्रस्त हैं। स्टाफ नर्सिंग आफिसर गुरमीत कौर हाइपरटेंशन की मरीज भी हैं। वहीं दूसरी तरफ फार्मासिस्ट भारत गोयल छाती की एक क्रॉनिक बीमारी से पीड़ित हैं। इनकी ड्यूटी कोविड-19 अस्पताल में नहीं लगाने की अपील की है। जिला सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। क्रॉनिक डिजीज कर्मचारियों की फाइल बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। एक योद्धा अनदेखी के चलते मौत से हारा

क्रॉनिक डिजीज और गंभीर बीमारियों वाले कर्मचारियों को फ्रंट लाइन में रखने से उनकी जान को ज्यादा खतरा रहता है। ऐसे में इन कर्मचारियों को फ्रंट लाइन में नहीं लगाया जा रहा है। पिछले दिनों आइसोलेशन वार्ड में एक एएमओ कोरोना पॉजिटिव होने के बाद दम तोड़ चुके हैं। बताया जाता है कि ये पहले से को-मोर्बिड की कैटेगिरी में थे। इसके लिए आयुष विभाग ने स्वास्थ्य विभाग को कोविड-19 सेवाओं से एएमओ डा. रविकांत की ड्यूटी हटाने की अपील भी की थी। इसके बाद भी उनकी ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में लगा दी गई। इसके बाद पॉजिटिव होने के बाद उनकी मौत हो गई थी।

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