एंबुलेंस में पीपीई किट पहन कर मरीजों को पहुंचाते है अस्पताल
कुरुक्षेत्र कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए जितनी जान चिकित्सक और दूसरा स्टाफ लगाता है। मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए उतना ही कड़ा संघर्ष एक एंबुलेंस चालक को करना पड़ता है।
नहीं थमेंगे पहिये नहीं थमेगी जिदगी.. फोटो संख्या : 3
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए जितनी जान चिकित्सक और दूसरा स्टाफ लगाता है। मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए उतना ही कड़ा संघर्ष एक एंबुलेंस चालक को करना पड़ता है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेशन वार्ड तक ले जाने के लिए जिस पीपीई किट को चालक डालते हैं गर्मी के मौसम में उसे डालना किसी भट्ठी के नजदीक खड़े होना जैसा होता है। जितना तापमान बाहर होता है उससे कहीं ज्यादा किट के अंदर होता है।
पीएचसी खानपुर एंबुलेंस के चालक कुलदीप बताते हैं कि कई बार कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अपने घर से निकलने में ही आधा से एक घंटा लग जाता है। जिन्हें आइसोलेशन वार्ड तक छोड़ना होता है। इतना इस पीपीई किट को डालना मुश्किल तो है लेकिन इसी वजह से कोरोना वायरस से बचाव हो सकता है। इसलिए जब भी कोरोना पॉजिटिव मरीज को लाने या ले जाने के लिए जाते हैं तो इस किट को बड़ी जी सावधानी के साथ डाला और उतारा जाता है। मगर ज्यादा देर तक इस किट को पाना बड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इस किट में हवा क्रॉस नहीं होती, जिसकी वजह से इतनी भयंकर गर्मी लगती है कि पूरे कपड़े पसीने से तरबतर हो जाते हैं। मगर आम लोगों को तो कोरोना से बचाव के लिए मास्क डालने की ही गाइडलाइन दी गई है। फिर भी लोग नजरअंदाज करके कोरोना वायरस को बुलावा दे रहे हैं। लोगों से अपील है कि वे मास्क डालकर रखें ताकि उनके परिवार के सदस्य भी कोरोना से बच सकें।