डा. राजा सिगला को स्टेट आयुर्वेदिक ड्रग टेस्टिग लेबोरेटरी और स्टेट आयुर्वेदिक फार्मेसी की भी सौंपी जिम्मेदारी

श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राजा सिगला को स्टेट आयुर्वेदिक ड्रग टेस्टिग लेबोरेटरी और स्टेट आयुर्वेदिक फार्मेसी का प्रभार सौंपा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:58 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 07:58 AM (IST)
डा. राजा सिगला को स्टेट आयुर्वेदिक ड्रग टेस्टिग लेबोरेटरी और स्टेट आयुर्वेदिक फार्मेसी की भी सौंपी जिम्मेदारी
डा. राजा सिगला को स्टेट आयुर्वेदिक ड्रग टेस्टिग लेबोरेटरी और स्टेट आयुर्वेदिक फार्मेसी की भी सौंपी जिम्मेदारी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राजा सिगला को स्टेट आयुर्वेदिक ड्रग टेस्टिग लेबोरेटरी और स्टेट आयुर्वेदिक फार्मेसी का प्रभार सौंपा गया है। हरियाणा आयुष महानिदेशक सुजान सिंह ने यह आदेश जारी किए हैं, जिसके बाद डा. राजा सिगला ने शुक्रवार देर सायं को प्रभार संभाल लिया। इससे पहले यह प्रभार डा. रविराज के पास था। आयुर्वेदिक दवाओं में डा. राजा सिगला की पकड़ और उपचार को देखते हुए उन्हें यह प्रभार सौंपा गया है।

हरियाणा की एकमात्र सरकारी टेस्टिग लेबोरेटरी है कुरुक्षेत्र में

श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में विद्यार्थियों को पढ़ाने के बाद डा. राजा सिगला को स्टेट आयुर्वेदिक ड्रग टेस्टिग लेबोरेटरी और स्टेट आयुर्वेदिक फार्मेसी का काम भी देखना होगा। हरियाणा की एकमात्र आयुर्वेदिक ड्रग टेस्टिग लेबोरेटरी और फार्मेसी कुरुक्षेत्र में ही हैं। प्रदेश में आयुर्वेदिक दवाओं की सैंपलिग होने के बाद इसी लेबोरेटरी में जांच की जाती है। अगर किसी दवा में कमी पाई जाती है तो उसे नोटिस दिया जाता है। इसके अलावा स्टेट आयुर्वेदिक फार्मेसी भी यहीं पर हैं। जहां पर चूर्ण व कशाय चूर्ण बनाए जाते हैं, जिनकी सप्लाई पूरे हरियाणा के आयुष केंद्रों में की जाती है। ऐसे में विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ-साथ अब डा. राजा सिगला पर आयुर्वेदिक दवाएं बनाने और सैंपलिग के बाद जांच करने की जिम्मेदारी भी रहेगी।

दवाओं की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं : डा. राजा

डा. राजा सिगला ने कहा कि आयुष महानिदेशक सुजान सिंह और आयुष निदेशक डा. संगीता नेहरा की ओर से उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है वे उसका पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। लेबोरेटरी में आने वाली दवाओं की जांच को गंभीरता से किया जाएगा। साथ ही फार्मेसी में बनाई जाने वाली दवाओं का दायरा भी बढ़े इसके लिए भी उच्चाधिकारियों की मदद से काम किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी