बारिश में बहा हजारों क्विंटल मक्का, किसानों को नुकसान
पिपली अन्नदाता की कड़ी मेहनत पर तेज आंधी के साथ बारिश ने पानी फेर दिया। मंडियों में बिकने के लिए आया हजारों क्विंटल मक्का बारिश में बह गया। पिपली अनाज मंडी में बारिश के चलते मक्के की फसल को हुए नुकसान को लेकर किसान परेशान हो गए।
फोटो संख्या : 19 संवाद सहयोगी, पिपली : अन्नदाता की कड़ी मेहनत पर तेज आंधी के साथ बारिश ने पानी फेर दिया। मंडियों में बिकने के लिए आया हजारों क्विंटल मक्का बारिश में बह गया। पिपली अनाज मंडी में बारिश के चलते मक्के की फसल को हुए नुकसान को लेकर किसान परेशान हो गए। किसानों ने प्रकृति की मार से उनकी फसलों को नुकसान पहुंच रहा है।
किसान हरबंस सिंह व गुरमेज ने बताया कि वे कई दिन पहले मक्का की फसल को बेचने के लिए मंडी में लेकर आए थे, लेकिन नमी के चलते उनकी फसल की खरीद नहीं हो पाई। वे फसल को दो दिन से सूखा रहे थे कि तेज आंधी के बीच बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। किसानों ने बताया कि मंडी प्रशासन उनकी पकी हुई फसलों की देखरेख में भी नाकाम साबित हो रहा है। जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। उन्हें चिता सता रही है कि अगर मौसम का यही हाल रहा तो उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।
किसान बलजीत सिंह व नरेंद्र ने बताया कि प्रकृति की मार अन्नदाता पर बार बार पड़ रही है। मेहनत पसीने से किसान फसल तैयार कर बेचने के लिए मंडी में लेकर आता है, लेकिन व्यापारी नमी का बहाना बनाकर फसल को खरीद नहीं करते। नतीजतन उन्हें फसल बेचने के लिए उसे सुखाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। वे मक्का बेचने के लिए दो दिन पहले मंडी में आए थे। नमी के चलते वे फसल को सूखा रहे थे कि इसी बीच वीरवार की रात को आई बरसात ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बारिश इतनी अधिक तेज थी कि खुले आसमान के नीचे पड़ा मक्का बारिश के पानी में बह गया। इससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है।
मजदूरों ने निकाला मक्का
वीरवार की रात को जब बारिश आई तो उस समय हजारों क्विंटल मक्का सूखने के लिए खुले आसमान में पड़ा था। एकाएक बारिश आई और किसानों को संभालने का मौका भी नहीं मिला। मौके पर उपस्थित मजदूरों ने मक्के को बारिश से बचाने का प्रयास किया। मजदूर यूनियन के प्रधान कपलेश्वर टुनटुन ने बताया कि मजदूरों की सहायता से कई क्विंटल मक्का भीगने से बचाया और बारिश में बह रहे मक्के को बाहर भी निकाला।