दिव्य कुरुक्षेत्र मिशन में विकसित होंगे तीर्थस्थल, डीसी ने नौ का किया निरीक्षण

कुरुक्षेत्र दिव्य कुरुक्षेत्र मिशन के तहत तीर्थस्थलों को विकसित करने की दिशा में काम तेज कर दिया है। इसमें अकेले कुरुक्षेत्र नहीं 48-कोस कुरुक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पांच जिलों के 134 तीर्थस्थलों को शामिल किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 06:21 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 06:21 PM (IST)
दिव्य कुरुक्षेत्र मिशन में विकसित होंगे तीर्थस्थल, डीसी ने नौ का किया निरीक्षण
दिव्य कुरुक्षेत्र मिशन में विकसित होंगे तीर्थस्थल, डीसी ने नौ का किया निरीक्षण

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : दिव्य कुरुक्षेत्र मिशन के तहत तीर्थस्थलों को विकसित करने की दिशा में काम तेज कर दिया है। इसमें अकेले कुरुक्षेत्र नहीं 48-कोस कुरुक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पांच जिलों के 134 तीर्थस्थलों को शामिल किया गया है। इन तीर्थ स्थलों को दर्शनीय बनाया जाएगा। ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक तीर्थो के दर्शन कर वास्तविकता को समझ सकें।

डीसी मुकुल कुमार ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र के विभिन्न नौ तीर्थ स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने इसके बाद कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुभव मेहता के साथ सबसे पहले बीड पिपली में रन्तुक यक्ष का निरीक्षण किया। इसके उपरांत दयालपुर गांव में बाण गंगा तीर्थ, गांव किरमिच में कुलोतारण तीर्थ, समसीपुर में औजस तीर्थ, गांव दयालपुर में आपगा तीर्थ, गांव मिर्जापुर में कर्ण का टीला, गांव कमौदा में काम्यक तीर्थ, गांव लौहार माजरा में लोमस तीर्थ और थानेसर के नाभी कमल तीर्थ का अवलोकन किया। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से हर विषय में बारीकी से बात की।

50 करोड़ का बजट

डीसी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 48 कोस कुरुक्षेत्र के तीर्थो को विकसित करने के लिए काम कर रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में 50 करोड़ का प्रस्ताव सरकार ने पास किया है। सरकार की इस योजना के तहत कुरुक्षेत्र के तीर्थों को विकसित करने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। तीर्थों को धीरे-धीरे विकसित किया जा रहा है।

प्रोजेक्ट बनाने में लगी टीम : मेहता

केडीबी के सीईओ अनुभव मेहता ने बताया कि तीर्थों के विकास की योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए तकनीकी अधिकारी लगातार काम कर रहे हैं। करीब 12 तीर्थ स्थलों के सुंदरीकरण की प्रस्ताव बना दिया गया है। बाकी के लिए काम किया जा रहा है। इसको जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

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