सावन में आफत की बारिश, निकासी में फेल अफसरशाही, मौके पर पहुंचे विधायक, विपक्ष ने उठाई जांच की मांग

सावन की पहली बारिश राहत से ज्यादा आफत बनकर बरसी। आफत भी अधिकारियों की लापरवाही के चलते रही। मात्र पांच एमएम बारिश भी शहर के नाले और नालियां सहन नहीं कर पाए। निकासी के पुख्ता प्रबंध न होने पर शहर की सड़कें जलमग्न हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 06:34 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 06:34 AM (IST)
सावन में आफत की बारिश, निकासी में फेल अफसरशाही, मौके पर पहुंचे विधायक, विपक्ष ने उठाई जांच की मांग
सावन में आफत की बारिश, निकासी में फेल अफसरशाही, मौके पर पहुंचे विधायक, विपक्ष ने उठाई जांच की मांग

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सावन की पहली बारिश राहत से ज्यादा आफत बनकर बरसी। आफत भी अधिकारियों की लापरवाही के चलते रही। मात्र पांच एमएम बारिश भी शहर के नाले और नालियां सहन नहीं कर पाए। निकासी के पुख्ता प्रबंध न होने पर शहर की सड़कें जलमग्न हो गई। पिपली से थर्ड गेट सड़क पर जलभराव के चलते नया बस स्टैंड तक वाहनों का जाम लग गया। शहर के सेक्टरों, आंबेडकर चौक, झांसा रोड, श्रीदुखभंजन मंदिर और चक्रवर्ती मोहल्ला सहित करीब एक जन स्थानों पर पानी जमा हो गया। विधायक सुभाष सुधा बारिश में ही पानी निकासी के प्रबंधों को जांचने पहुंचे। उन्होंने कई जगहों से पानी निकलवाया। कांग्रेसी पार्षद सुदेश चौधरी ने शहर में बरसाती पानी निकासी के करीब पौने दो करोड़ रुपये के टेंडर की जांच की मांग उठाई है। इसके साथ शहर में पानी निकासी को लेकर शुरू महाभारत तेज हो गई है।

सोमवार सुबह लोग दैनिक कार्यों को निकले तो सुबह करीब आठ बजे ही बूंदाबांदी शुरू हो गई। करीब साढ़े नौ बजे एक साथ तेज बारिश शुरू हो गई। करीब पौने 11 बजे तक बारिश चलती रही। प्रशासन की जारी रिपोर्ट में थानेसर व पिहोवा में पांच-पांच और लाडवा में तीन एमएम बारिश दर्ज की गई। इस्माईलाबाद, शाहाबाद व बाबैन में सूखा रहा।

कम बारिश में ज्यादा पानी दिखने का कारण

जानकारों की मानें तो पिछले दिनों में रूक-रूककर बारिश हो रही है। अब जमीन ने पानी पीना बंद कर दिया है। शहर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी पर्याप्त नहीं हैं। नाले और नालियां पालीथिन की वजह से बंद हैं। बारिश के एक साथ आने से सारा पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। पिपली से थर्ड गेट सड़क पर पानी निकासी का सिस्टम सही नहीं है और सड़क भी जगह-जगह से टूटी पड़ी है। ऐसे में बारिश में लोगों की परेशानी दोगुनी बढ़ जाती है।

विधायक की हिदायतों के बाद सिस्टम नहीं सुधरा

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विधायक सुभाष सुधा सोमवार सुबह करीब पांच बजे शहर में बरसाती पानी निकासी के प्रबंधों का निरीक्षण करने के लिए फील्ड में पहुंच गए। वे पिपली से थर्ड गेट तक, नगली कुटिया, सलारपुर रोड़, झांसा रोड, बिरला मंदिर चौक व जाट धर्मशाला पहुंचे। कई जगह बरसाती पानी जमा मिला। अधिकारियों को मौके पर बुलाकर स्थिति दिखाई। नालों की सफाई करते समय कई जगह पालीथिन मिली। इसके बाद भी कई जगह सड़कों पर पानी जमा मिला। विधायक ने कहा कि शहर में पानी निकासी और सफाई व्यवस्था पर नजर रखने के लिए वाटर लागिग रिमूवल एमसी के नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इसमें अब तक 37 अधिकारियों और कर्मचारियों को जोड़ा गया है। उन्हें किसी भी समस्या की पहली और समाधान के बाद की दोनों तस्वीरें ग्रुप में साझा करनी होंगी।

सेक्टरों में बाढ़ जैसे हालात होनी चाहिए जांच

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थानेसर नगर परिषद के वार्ड-9 से पार्षद सुदेश चौधरी ने शहर में अपने वार्ड का दौरा किया। उन्हें यहां कई जगह बरसाती पानी जमा मिला। उन्होंने नगर परिषद के 1.75 करोड़ रुपये के नाला सफाई के टेंडर की जांच कराने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि शहर में इस स्थिति की जिम्मेदारी विधायक व चेयरपर्सन को लेनी चाहिए। मानसून की बरसात में सब दावों की पोल खुल रही है। पानी जमा होने से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।

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