लगातार लापरवाही से बिगड़ रही धर्मनगरी की आबोहवा
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र पर्यावरण संरक्षण की लगातार अनदेखी से धर्मनगरी की आबोहवा प्रदूषित होती जा रही है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
पर्यावरण संरक्षण की लगातार अनदेखी से धर्मनगरी की आबोहवा प्रदूषित होती जा रही है। कुछ साल पहले जिस कुरुक्षेत्र की हवा में प्रदूषण नाम मात्र का था आज उसी हवा में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। शहर भर में जगह-जगह सफाई कर्मियों की लापरवाही से कूड़े के ढेर आग के हवाले किए जा रहे हैं और सड़कों पर बढ़ता वाहनों का दबाव पर्यावरण पर भारी पड़ रहा है। केवल हवा ही नहीं सीवरेज से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी का भी उचित प्रबंध ना होने पर समस्या लगातार विकराल होती जा रही है। इन हालातों में अब धर्मनगरी के हालात ऐसे हो गए हैं कि शाम होते-होते हवा में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के चलते खुली हवा में सांस तक लेना मुश्किल हो जाता है। शहर की हवा में पाíटकुलेट मैटर 10 की मात्र 166 तो 2.5 की मात्रा 115 के पार तक पहुंच गई है।
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सबसे बड़ी समस्या बढ़ता वाहनों का दबाव और कूड़े की आग
शहर में पर्यावरण के सामने सबसे बड़ी समस्या जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर हैं। कई जगह लगे इन कूड़े के ढेरों में लोग आग लगा रहे हैं। इस आग से निकलने वाला धूंआ हवा को जहरीला बना रहा है। पर्यावरण की सेहत को आग के हवाले करने में सफाई कर्मियों के साथ-साथ आम नागरिक भी पीछे नहीं है। आम नागरिक भी दिन भर में पेड़ों से झड़ने वाले पत्तों को इकट्ठा कर शाम को आग लगा रहे हैं। इसके साथ-साथ वाहनों का दबाव भी प्रदूषण का एक बड़ा कारण बना हुआ है। शहर में दिन भर सड़कों पर वाहनों का दबाव रहता है। इनमें से हजारों वाहन तो ऐसे हैं जो मानकों पर भी खरा नहीं उतर रहे। इसके बावजूद सड़कों पर जहरीला धूंआ लेकर घूम रहे इन वाहनों को रोकने वाला कोई नहीं है।
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सीवरेज से निकलने वाले गंदे पानी का भी नहीं हो रहा उचित प्रबंध धर्मनगरी में सीवरेज से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी का भी उचित प्रबंध नहीं है। कई जगह सीवरेज से निकाल कर इस पानी को खुले नालों में डाला जा रहा है। खूले नाले में डालकर इस पानी को शहर से बाहर भेजा जा रहा है। सीवरेज की प्रोपर सफाई ना होने पर यही पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहता है। कई जगह खाली प्लाटों में पड़ा यही गंदा पानी बीमारियां फैलाने के साथ-साथ लोगों के लिए समस्या बना हुआ है। लोगों के बार-बार शिकायत करने पर भी जिला प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रहा है।