बजट की कमी से विकास कार्यों पर लगा ब्रेक

बजट की कमी से शहर के विकास कार्यों पर ब्रेक लग गए हैं। थानेसर नगर परिषद को इस साल सरकार की ओर से कोई नया बजट नहीं मिला। वहीं कोविड-19 के चलते न ही मेले या दूसरे माध्यमों से मिलने वाली आमदन ही हो सकी है। स्टांप ड्यूटी का तीन करोड़ रुपये बजट भी अटका हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Apr 2021 06:12 AM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 06:12 AM (IST)
बजट की कमी से विकास कार्यों पर लगा ब्रेक
बजट की कमी से विकास कार्यों पर लगा ब्रेक

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र

बजट की कमी से शहर के विकास कार्यों पर ब्रेक लग गए हैं। थानेसर नगर परिषद को इस साल सरकार की ओर से कोई नया बजट नहीं मिला। वहीं कोविड-19 के चलते न ही मेले या दूसरे माध्यमों से मिलने वाली आमदन ही हो सकी है। स्टांप ड्यूटी का तीन करोड़ रुपये बजट भी अटका हुआ है। इसकी वजह से शहर की सड़कों के निर्माण कार्य अधर में लटक गए हैं। यहां तक कि नप के कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए भी नप के खाते में बजट कम पड़ रहा है। शहर की बात करें तो 31 में से 16 से 17 ऐसे वार्ड हैं, जहां पर सात से आठ करोड़ रुपये के निर्माण कार्य बीच में ही रुक गए हैं। स्थिति को देखते हुए नप ने सरकार से बजट की मांग की है ताकि विकास कार्यों को गति दी जा सके। यह तब है जब इसी साल पार्षदों के चुनाव का बिगुल बजना तय माना जा रहा है। ऐसे में अगर काम नहीं हुए तो पार्षदों की भी किरकिरी होगी। इसलिए पार्षद भी रुके हुए कार्यों को जल्दी निपटाने के लिए बार-बार नप के अधिकारियों व चेयरपर्सन से मांग कर रहे हैं। नहीं आई तीन माह से स्टांप ड्यूटी बजट

प्रॉपर्टी टैक्स के अलावा थानेसर नगर परिषद को हर माह स्टांप ड्यूटी से एक करोड़ रुपये की आमदन होती है। नप के लिए यह सबसे बड़ा आमदन का माध्यम है। मगर तीन माह से नप को स्टांप ड्यूटी बजट नहीं मिल पाया है। यही वजह है कि नप का बजट गड़बड़ा गया है। नप को स्टांप ड्यूटी से तीन करोड़ रुपये का बजट आना है, जिसके लिए नप ने डिमांड भी की है। ठेकेदारों ने भी लगाई गुहार

ठेकेदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिन क्षेत्रों में काम रुके हुए हैं वहां के पार्षद और लोग सब ठेकेदार को भला बुरा कहते हैं। मगर ठेकेदार क्या करें। उनके पास जितना बजट था वह लगा चुके हैं। नप की ओर से सात से आठ करोड़ रुपये का भुगतान ठेकेदारों को करना बाकी है। नगर परिषद के पास बजट नहीं है। सरकार को चाहिए कि नप को बजट उपलब्ध कराए ताकि रुके हुए विकास कार्य पूरे हो सके। नप के पास बजट की कमी

एक्सइएन सुरेंद्र कुमार ने बताया कि नप के पास बजट की कमी है, जिसकी वजह से कई काम रुके हुए हैं। बजट की डिमांड की हुई है। बजट के आते ही निर्माण कार्यों को गति मिल जाएगी।

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