डीएपी की किल्लत दूर, जिले में 16 हजार बैग उपलब्ध

पिछले दो माह से डीएपी की किल्लत का सामना कर रहे किसानों को अब राहत मिल गई है। पिछले सप्ताह भर से कुरुक्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद उपलब्ध है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 05:40 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 05:40 PM (IST)
डीएपी की किल्लत दूर, जिले में 16 हजार बैग उपलब्ध
डीएपी की किल्लत दूर, जिले में 16 हजार बैग उपलब्ध

विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : पिछले दो माह से डीएपी की किल्लत का सामना कर रहे किसानों को अब राहत मिल गई है। पिछले सप्ताह भर से कुरुक्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद उपलब्ध है। जिला भर में शुक्रवार को भी डीएपी के 16 हजार के करीब बैग उपलब्ध रहे। यह खाद पिछले कई दिनों से सोसाइटियों और अन्य दुकानों पर उपलब्ध हैं। अब दुकानों पर किसानों की डिमांड न के बराबर है। इतना ही नहीं आने वाले दिनों में जिला में डीएपी की खेप पहुंचने से अगले कई माह तक डीएपी की कोई कमी नहीं रहेगी।

गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र में जिला भर में एक लाख 22 हजार हेक्टेयर के करीब क्षेत्र में गेहूं की बिजाई की जाती है। नवंबर माह के प्रथम पखवाड़े के पूरा होने पर इसमें से करीब 90 फीसद क्षेत्र में गेहूं की बिजाई का कार्य पूरा कर लिया गया है। गेहूं बिई का काम 15 अक्टूबर के बाद शुरू हो जाता है। ऐसे में गेहूं बिजाई की शुरुआत से ही किसानों के सामने डीएपी की किल्लत की समस्या खड़ी थी। इससे पहले सितंबर के अंतिम पखवाड़े में ही किसानों ने आलू बिजाई का काम शुरू कर दिया था। आलू बिजाई के लिए भी किसानों को डीएपी मुश्किल से उपलब्ध हो पाया था। इसके बाद कृषि विभाग की ओर से किसानों को जिला में हर सप्ताह डीएपी उपलब्ध करवाया गया।

अब किसान गेहूं में पहले पानी के साथ डालेंगे डीएपी

डीएपी की किल्लत के चलते कुछ किसानों ने बगैर डीएपी के ही गेहूं की बिजाई कर दी थी। इन किसानों ने गेहूं में पहले पानी के साथ डीएपी डालने की योजना बनाई है। किसान कुलदीप सिंह ने बताया कि अब डीएपी खरीद कर रख लिया है, जब भी खेत में पानी लगाएंगे तो उसके साथ डीएपी डालेंगे।

पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है डीएपी

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. प्रदीप मील ने बताया कि अब जिला भर में डीएपी के 16 हजार के करीब बैग उपलब्ध हैं। जिला में डीएपी की कभी ज्यादा किल्लत नहीं हुई। किसानों की ओर से एक साथ डीएपी खरीद कर स्टोर करने के चलते कुछ किसानों को समस्या झेलनी पड़ी थी। अब जिला भर की दुकानों के साथ-साथ सोसाइटियों में भी पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध है।

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