औसत 132 एमएम बारिश से फसलें जलमग्न
करीब सप्ताह भर से रुक-रुक कर हुई औसत 132.65 एमएम बारिश से जिला भर में कई जगहों पर फसलों को जलमग्न कर दिया है। इसमें से 26 जुलाई को 49.33 एमएम और अगले दिन औसत 37 एमएम बारिश हुई है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : करीब सप्ताह भर से रुक-रुक कर हुई औसत 132.65 एमएम बारिश से जिला भर में कई जगहों पर फसलों को जलमग्न कर दिया है। इसमें से 26 जुलाई को 49.33 एमएम और अगले दिन औसत 37 एमएम बारिश हुई है। इसके बाद भी लगातार बारिश के चलते फसलों से पानी कम नहीं हो रहा है। ऐसे में धान की फसल के साथ-साथ मक्के की फसल की खराब होने लगी है। कुछ घंटे बारिश न होने पर जब फसलों से पानी कम
हो रहा है तो नीचे से खराब फसलें बाहर निकल कर आ रही हैं। इसके बाद दोबारा बारिश फसलों को डुबो रही है। 26 जुलाई से लेकर एक अगस्त तक आए दिन बारिश का दौर जारी है। इन हालातों में फसल खराब होने पर किसानों को नुकसान का डर सताने लगा है। मौसम विशेषज्ञों की ओर से अगले कई दिनों तक मौसम का मिजाज इसी तरह रहने का अनुमान जताया जा रहा है।
गौरतलब है कि जुलाई के पहले सप्ताह से ही बारिशों का दौर शुरू हो गया था। इसके बाद 12 जुलाई के आस-पास मानसून आने पर बारिश तेज हुई तो जिला भर के खेतों में पानी जमा होने लगा। लगातार बारिश होने से अब फसलें खराब होने लगी हैं। गांव पिडारसी के किसान जोगिद्र सिंह ने बताया कि लगातार पानी खड़ा होने पर मक्के की फसल खराब हो गई है। इतना ही नहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों से ज्यादा पानी आने पर अब धान की फसल भी खराब होने लगी है। जिला भर में एक लाख 12 हजार हेक्टेयर के करीब क्षेत्र में से लगभग 15 से 20 फीसद क्षेत्र को बारिश का पानी प्रभावित कर रहा है।
बारिश के आंकड़ें
दिन एमएम (औसत बारिश)
- 27 जुलाई 10.33
- 28 जुलाई 49.33
- 29 जुलाई 37.5
- 30 जुलाई 7.33
- 31 जुलाई 13.83
- 1 अगस्त 14.33 (शाम चार बजे तक)
फसलों से पानी उतारने का करें प्रयास
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. प्रद्युम्मन भटनागर ने बताया कि फसलों में ज्यादा पानी खड़ा होने पर नुकसान हो सकता है। किसानों को फसलों से पानी उतारने का प्रयास किया जाना चाहिए। खेतों से पानी कम होने पर फसल को खराब होने से बचाया जा सकता है। अगले कई दिनों तक मौसम का मिजाज इसी तरह का रहने का अनुमान है।