सिलाई का प्रशिक्षण लेकर लड़कियां बन रही आत्मनिर्भर

जिला बाल कल्याण परिषद ने लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लघु बाल भवन लाडवा में चल रहे सिलाई-कटाई प्रशिक्षण केंद्र को उत्पादन केंद्र तब्दील कर दिया है। जहां पर लड़कियां प्रशिक्षण लेने के साथ-साथ उत्पादन केंद्र में काम कर अच्छी कमाई कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:41 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 05:41 AM (IST)
सिलाई का प्रशिक्षण लेकर लड़कियां बन रही आत्मनिर्भर
सिलाई का प्रशिक्षण लेकर लड़कियां बन रही आत्मनिर्भर

-उत्पादन केंद्र में महिलाएं बाजार से आधे रेट में सिलवा सकेंगी सूट

- पांच सालों में 90 लड़कियां ले चुकी है सिलाई और 110 लड़कियां ब्यूटीफिकेशन का प्रशिक्षण

- इस समय सिलाई में 15 और ब्यूटीफिकेशन में 20 लड़कियां ले रही प्रशिक्षण अनुज शर्मा, कुरुक्षेत्र :

जिला बाल कल्याण परिषद ने लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लघु बाल भवन लाडवा में चल रहे सिलाई-कटाई प्रशिक्षण केंद्र को उत्पादन केंद्र तब्दील कर दिया है। जहां पर लड़कियां प्रशिक्षण लेने के साथ-साथ उत्पादन केंद्र में काम कर अच्छी कमाई कर रही है।

जिला बाल कल्याण अधिकारी सरबजीत सिंह सीबिया ने बताया कि परिषद के अंतर्गत लघु बाल भवन लाडवा में पिछले पांच साल से सिलाई-कटाई प्रशिक्षण केंद्र चल रहा है। जहां पर प्रत्येक लड़की 200 रुपये प्रतिमाह देकर छह माह का बेसिक और एक वर्ष का एडवांस कोर्स कर रही है। ऐसे में सिलाई से लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने और प्रशिक्षण के प्रति रुझान बढ़ाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण केंद्र को उत्पादन केंद्र में तब्दील किया गया है।

90 लड़कियों ने लिया प्रशिक्षण

केंद्र प्रबंधिका सुमन शर्मा ने बताया कि सिलाई प्रशिक्षिका सरोज बाला और ब्यूटीफिकेशन प्रशिक्षिका परविद्र कौर के नेतृत्व में प्रशिक्षण लेने के बाद परिषद की ओर से लड़कियों को छह माह के बेसिक और एक वर्ष का एडवांस कोर्स देने के बाद सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। पिछले पांच साल में सिलाई प्रशिक्षण केंद्र में 90 लड़कियां प्रशिक्षण ले चुकी है। अभी लाकडाउन के बाद 15 लड़कियां प्रशिक्षण ले रही है। ऐसे ही ब्यूटीफिकेशन कोर्स में 110 लड़कियां प्रशिक्षण ले चुकी है और अभी 20 लड़कियां प्रशिक्षण ले रही है।

आधे रेट में की जा रही सिलाई

सिलाई प्रशिक्षिका सरोज बाला ने बताया कि सिलाई-कटाई प्रशिक्षण केंद्र को उत्पादन केंद्र तब्दील कर दिया गया है। जहां पर प्रशिक्षण लेने के लिए आने वाली लड़कियां काम कर रही है। केंद्र में बाजार से आधे रेट में सिलाई की जा रही है। इससे नए-नए डिजाइन सीखने के साथ-साथ लड़कियों की अच्छी कमाई भी हो रही है।

वर्जन :

लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लघु बाल भवन में चल रहे सिलाई-कटाई प्रशिक्षण सेंटर को उत्पादन केंद्र में तब्दील कर दिया गया है। जहां पर प्रतिमाह 200 रुपये देकर कोई भी लड़की सिलाई का प्रशिक्षण ले रही है। वहीं उत्पादन केंद्र में आने वाले काम से होने वाली कमाई लड़कियों को ही दी जा रही है। जिससे लड़कियों को रुझान को बढ़ावा मिल सकें।

सरबजीत सिंह, जिला बाल कल्याण अधिकारी, कुरुक्षेत्र।

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