नाबालिग के अपहरण और धमकी देने के दोषी की सजा बरकरार

जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीष दुआ की अदालत ने नाबालिग के अपहरण व जान से मारने की धमकी देने के दोषी की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने इसके साथ उसकी याचिका को भी खारिज कर दिया है। दोषी ने जुवेनाइन जस्टिस बोर्ड की सुनाई सजा के फैसले को चुनौती दी थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 06:41 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 06:41 AM (IST)
नाबालिग के अपहरण और धमकी देने के दोषी की सजा बरकरार
नाबालिग के अपहरण और धमकी देने के दोषी की सजा बरकरार

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीष दुआ की अदालत ने नाबालिग के अपहरण व जान से मारने की धमकी देने के दोषी की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने इसके साथ उसकी याचिका को भी खारिज कर दिया है। दोषी ने जुवेनाइन जस्टिस बोर्ड की सुनाई सजा के फैसले को चुनौती दी थी।

सहायक जिला न्यायवादी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के प्रिसिपल मजिस्ट्रेट जोगिद्र सिंह ने 15 अप्रैल 2019 को एक नाबालिग के अपहरण व जान से मारने की धमकी देने के आरोपित को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। दोषी ने अपने विरुद्ध अदालत के आदेश को निरस्त करवाने के लिए एक याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीष दुआ की अदालत में चल रही थी। कोर्ट ने दोषी पक्ष की जिरह व गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने फैसला दिया कि दोषी की सजा को कायम रखा। इसके साथ उसकी याचिका भी खारिज कर दी।

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