व्यक्तित्व विकास में मेडिटेशन की अहम भूमिका : कुलजीत

कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के (आइटीटीआर) शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान व हर्टफुल कैंस प्रोग्राम रूपोटेंशन डेवलपमेंट एंड लाइफ स्किल्स विषय पर छह दिवसीय वर्चुअल कार्यक्रम का सोमवार को समापन हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 04:23 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 04:23 AM (IST)
व्यक्तित्व विकास में मेडिटेशन की अहम भूमिका : कुलजीत
व्यक्तित्व विकास में मेडिटेशन की अहम भूमिका : कुलजीत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के (आइटीटीआर) शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान व हर्टफुल कैंस प्रोग्राम रूपोटेंशन डेवलपमेंट एंड लाइफ स्किल्स विषय पर छह दिवसीय वर्चुअल कार्यक्रम का सोमवार को समापन हो गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन विशेषज्ञ के रूप में डा. सविता ने विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत उपविषयों की संक्षिप्त चर्चा की। उन्होंने कम्युनिटी के संदर्भ में अपनी बात रखी और कहा कि सामाजिक एकता को बनाए रखते हुए अपने आप को जानना व सामाजिक प्रगति को हासिल करना है। उन्होंने कहा कि हमें मेडिटेशन प्रैक्टिस करते हुए दिल की बात को सुनना चाहिए।

सत्र के अंतिम बीस मिनट में ब्रिगेडियर कुलजीत सिंह रघुवंशी ने मेडिटेशन की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह व्यक्तित्व विकास में अहम भूमिका निभाता है। मेडिटेशन से शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक समस्याओं का भी समाधान संभव है।

आइटीटीआर संस्थान की प्राचार्या डा. अमीषा सिंह ने कार्यक्रम में विशेषज्ञ के रूप में आए अतिथियों व संयुक्त रूप से आयोजकों को आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति अपने दैनिक कार्यों में फंसकर रह गया है। वह खुद को समय नहीं दे पाता। ऐसे में वह कई बार शारीरिक व मानसिक रूप से बीमार नजर आने लगता है। व्यक्ति को मेडिटेशन करना चाहिए। वह ऐसा कर शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ हो सकता है। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सहायक प्रोफेसर डा. गौरव सैनी ने सभी विशेषज्ञों, संस्थान की प्राचार्या, प्राध्यपकगण व अन्य प्रतिभागियों का आभार जताया। कार्यक्रम में डा. दिग्विजय सिंह ने संयोजक की भूमिका निभाई।

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