स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप रैंक लाने के दावे, जमीनी हकीकत में से परे

थानेसर नगर परिषद स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा रैंक लाने के लिए चाहे लाख दावे कर रही हो लेकिन दावे जमीनी हकीकत से परे हैं। नगर परिषद सीवर व निकासी व्यवस्था को चौक करने वाली पॉलीथिन व सिगल यूज प्लास्टिक को अब तक प्रतिबंधित नहीं कर पाया है जबकि एनजीटी ने 20 अगस्त 2013 से प्लास्टिक पर पर्यावरण की ²ष्टि से प्रतिबंध लगा दिया था।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 06:38 AM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 06:38 AM (IST)
स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप रैंक लाने के दावे, जमीनी हकीकत में से परे
स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप रैंक लाने के दावे, जमीनी हकीकत में से परे

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : थानेसर नगर परिषद स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा रैंक लाने के लिए चाहे लाख दावे कर रही हो, लेकिन दावे जमीनी हकीकत से परे हैं। नगर परिषद सीवर व निकासी व्यवस्था को चौक करने वाली पॉलीथिन व सिगल यूज प्लास्टिक को अब तक प्रतिबंधित नहीं कर पाया है, जबकि एनजीटी ने 20 अगस्त 2013 से प्लास्टिक पर पर्यावरण की ²ष्टि से प्रतिबंध लगा दिया था। नप हर माह 15 से 20 चालान करके इतिश्री कर देता है, जबकि खुद डीसी शरणदीप कौर बराड़ ने पॉलीथिन के प्रतिबंध को लेकर पिछले माह भी आदेश दिए थे। इन सबके बाद भी नप अधिकारी सुस्त हैं। यही वजह है कि शहर से निकलने वाली गंदगी में बड़ा हिस्सा पॉलीथिन का ही होती है। पर्यावरणविदों के मुताबिक जब तक पॉलीथिन और सिगल यूज प्लास्टिक को पूर्णत: प्रतिबंध नहीं कर दिया जाता तब तक स्वच्छता सर्वेक्षण में नप के लिए अच्छा रैंक पाना मुश्किल होगा। 70 टन कूड़ा निकलता है हर रोज

मार्च माह में स्वच्छता सर्वेक्षण है। जिसके लिए थानेसर नगर परिषद भी तैयारी कर रहा है। मगर नप के प्रयास तब तक ज्यादा नहीं दिखेंगे जब तक शहर में पॉलीथिन व सिगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं हो जाता। शहर से हर रोज 70 टन कूड़ा निकलता है, जिसमें से ज्यादातर पॉलीथिन और सिगल यूज प्लास्टिक का होता है। बारिशों के दिनों में पॉलीथिन व सिगल यूज प्लास्टिक की वजह से नाले और नालियां जाम हो जाते हैं। ग्रीन अर्थ संस्था के कार्यकारी सदस्य डा. नरेश भारद्वाज ने बताया कि धार्मिक, राजनैतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में धड़ल्ले से सिगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग किया जा रहा है। इनको प्रतिबंध किए बिना स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल होगा। प्रशासन को सख्ती से कदम उठाने होंगे। संस्था हर संभव मदद के लिए हर समय तैयार है। संस्था अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव, ज्योतिसर तीर्थ, भद्रकाली मंदिर और चार स्कूलों में पॉलीथिन व प्लास्टिक मुक्त बना चुकी है। थानेसर नगर परिषद के मुख्य सफाई निरीक्षक रूपरविदर बिश्नोई ने बताया कि पॉलीथिन के खिलाफ अभियान चलाया गया है। नप हर माह 20 चालान दुकानदारों के करती है। इसके अलावा सक्षम युवाओं की टीम भी घर-घर व मार्केट में दुकानदारों को इसका प्रयोग न करने की जागरूकता फैला रहे हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार रैंकिग में सुधार आएगा।

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