केंद्र सरकार किसानों से बातचीत कर मसले को करे हल : निशान सिंह
बाबैन जजपा के प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह ने कहा कि प्रदेश में जजपा-भाजपा गठबंधन सरकार मिलकर विकास का पहिया घुमा रही है और प्रदेश के 90 हलकों में समान रूप से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।
संवाद सूत्र, बाबैन : जजपा के प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह ने कहा कि प्रदेश में जजपा-भाजपा गठबंधन सरकार मिलकर विकास का पहिया घुमा रही है और प्रदेश के 90 हलकों में समान रूप से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। आज विपक्षी दलों के पास कोई मुद्दा नहीं रहा और वे किसानों को बरगलाने में जुटे हुए हैं। लेकिन प्रदेश का किसान कांग्रेस की करतूतों को समझ गए हैं। प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह बाबैन में जजपा नेता संजय संघौर के कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जो भी वायदा किया, उसे निभाया भी है। दुष्यंत चौटाला प्रदेश की जनता को किए वायदों पर खरा उतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में फूट पड़ी हुई है, चाहे पंजाब हो या हरियाणा हो कांग्रेस नेताओं में आपस में फूट पड़ी हुई है। निशान सिंह ने किसान आंदोलन को गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि वे केंद्र सरकार से निवेदन करते है कि वे अन्नदाता के साथ बैठकर शांतिपूर्ण माहौल में बात करे और सहमति बनाए। इस मौके पर शाहबाद विधायक रामकरण काला, जजपा लाडवा हलका प्रधान जोगध्यान लाडवा, जजपा के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप मुल्तानी, जजपा सेवादल के प्रभारी मायाराम चंद्रभानपुरा, जिलाध्यक्ष कुलदीप जखवाला, चंद्रप्रकाश सैनी व जसविद्र खैहरा मौजूद रहे।
मूंग के बीज पर 90 फीसदी सब्सिडी : मील
कुरुक्षेत्र, विज्ञप्ति : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. प्रदीप मिल ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से मूंग की बिजाई करने पर किसानों को 90 फीसदी तक सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा अगर जिस किसान ने पिछली बार बाजरे की बिजाई की थी, वहां पर इस बार मूंग की खेती करता है तो उसे प्रति एकड़ चार हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रुप में भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा की मूंग की खेती करने से जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खरीफ-2021 के दौरान दलहनी व तिलहनी फसलों को बढ़ावा दे रही है, ताकि किसानों की भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ-साथ प्रदेश में खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। सरकार का लक्ष्य है कि 70 हजार एकड़ क्षेत्र में बाजरा की बजाय दलहनी फसलें तथा 30 हजार एकड़ क्षेत्र में बाजरा की बजाय तिलहनी फसलों की बिजाई की जाए। इन फसलों के पंजीकरण के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 31 जुलाई तक पंजीकरण करवाया जा सकता है।