स्थाणु तीर्थ से एक पेड़ शहीद के नाम अभियान शुरू

कारगिल विजय दिवस से एक दिन पूर्व स्थाणु तीर्थ से भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत बंशी पुरी महाराज ने एक पेड़ शहीद के नाम अभियान की शुरुआत की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 06:48 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 06:48 AM (IST)
स्थाणु तीर्थ से एक पेड़ शहीद के नाम अभियान शुरू
स्थाणु तीर्थ से एक पेड़ शहीद के नाम अभियान शुरू

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

कारगिल विजय दिवस से एक दिन पूर्व स्थाणु तीर्थ से भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत बंशी पुरी महाराज ने एक पेड़ शहीद के नाम अभियान की शुरुआत की। स्थाणु तीर्थ परिसर में रविवार को शहीद सुशील कुमार के नाम से महंत बंशी पुरी व संत महात्माओं ने पौधा लगाया। साथ ही देश पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को स्मरण किया। इस दौरान महंत रमेश पुरी, लक्ष्मी नारायणपुरी, स्वामी रोशन पुरी, छवि रामदास महाराज, स्वामी रंगनाथ पुरी महाराज ने भी पानी से सींचकर शहीद को याद किया। अभियान के सचिव उज्जवल वर्मा ने बताया कि हरियाणा में इस अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री आवास चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं खेल मंत्री संदीप सिंह ने की थी।

महंत बंशी पुरी महाराज ने कहा कि शहीद को कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश के नाम पर मर मिटने वाली पुण्य आत्माओं की निशानी हमेशा हमारे बीच में रहे इसके लिए स्थाणु तीर्थ में शहीद सुशील कुमार के नाम से पौधा लगाया गया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक सैनिक सीमा पर खड़ा रहकर धूप, बारिश, गर्मी और सर्दी सब झेलता है मगर फिर भी मुस्कुराता रहता है। उसी प्रकार पौधा भी पेड़ बनने के बाद धूप, गर्मी, बारिश, सर्दी और गर्मी झेलकर भी घनी छांव, सुगंधित और स्वस्थ हवा देता है। एक ईंट शहीद के नाम अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजीव राणा ने कहा कि एक पेड़ शहीद के नाम अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा, ताकि शहीद सैनिक हमारे बीच में किसी न किसी रूप में रहे। एक पेड़ शहीद के नाम अभियान की महासचिव अनु पसरीचा ने कहा कि यह हम सबका दायित्व बनता है कि शहीदों के नाम पौधारोपण करके न केवल शहीद सैनिक का मान बढ़ाएं बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी कदम बढ़ाएं। इस दौरान स्थाणु सेवा मंडल के संरक्षक हंस कालड़ा, प्रधान दर्शन पाहवा, वरिष्ठ उपप्रधान प्रेम मदान, कोषाध्यक्ष विजय पुजारा, अंजु पोपली, दिनेश गाबा, प्रमोद कौशिक, कृष्ण लाल, पंडित प्रमोद कौशिक मौजूद रहे।

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