सड़कों के किनारे आग लगने का सिलसिला हुआ शुरू
रबी सीजन की शुरूआत होते ही सड़कों के किनारे हरियाली झुलसनी शुरू हो गई है। सड़कों के किनारे आग लगने से राहगीरों की परेशानियां बढ़ रही है। ताजा मामला पिहोवा रोड का है। नरकातारी और मिर्जापुर मोड़ के बीच में सड़क किनारे लगी आग की हरियाली भेंट चढ़ गई।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : रबी सीजन की शुरूआत होते ही सड़कों के किनारे हरियाली झुलसनी शुरू हो गई है। सड़कों के किनारे आग लगने से राहगीरों की परेशानियां बढ़ रही है। ताजा मामला पिहोवा रोड का है। नरकातारी और मिर्जापुर मोड़ के बीच में सड़क किनारे लगी आग की हरियाली भेंट चढ़ गई। आग से उठ रहा धुआं न केवल राहगीरों के लिए परेशानी बन रहा था, बल्कि दुर्घटनाओं को भी न्यौता दे रहा था।
मानसून सीजन में हर साल सड़कों के किनारे हरियाली बढ़ाने के लिए वन विभाग बड़े स्तर पर पौधरोपण अभियान चलाता है, मगर एक बार पौधों को लगाने के बाद उनकी सुध नहीं ली जाती है। इनमें से 50 प्रतिशत पौधे तो देखभाल के अभाव में दम तोड़ देते हैं, बाकी रबी सीजन में लगने वाली आग में झुलस जाते हैं। गेहूं के फाने (अवशेष) जलाने वालों पर नजर रखने के लिए प्रशासन पूरा सतर्क रहता है। यही नहीं गांवों में निगरानी रखने के लिए नंबरदार से लेकर पटवारी स्तर पर कमेटियां भी गठित की जाती हैं, मगर सड़कों किनारे झुलसने वाली हरियाली को बचाने के लिए प्रशासन कोई सुध नहीं लेता है। वन विभाग भी इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाता है कि आखिर कितने पौधे जले हैं और कितनों को नुकसान पहुंचा है। सड़क किनारे लगने वाली आग से छोटे पौधे तो नष्ट ही हो जाते हैं और बड़े पौधों को भी नुकसान पहुंचता है। हरियाली को नुकसान पहुंचना गंभीर विषय
पहला कदम संस्था की ओर से समय-समय पर पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए पौधरोपण अभियान चलाया जाता है। मगर सड़कों के किनारे हरियाली को जिस तरह से नुकसान पहुंचता है यह गंभीर विषय है। इसको लेकर सामाजिक संस्थाओें के साथ किसानों व आमजन को भी जागरूक होना होगा। सड़क किनारे आग की चिगारी किसान की फसल को भी नुकसान पहुंचा सकती है। जिस तरह प्रशासन की ओर से गेहूं के अवशेषों में आग न लगाने को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाता है, उसी तरह पर सड़क किनारे भी ऐसे पोस्टर या होर्डिंग जरूर लगाने चाहिए, ताकि हरियाली को बचाया जा सके।
- दिलबाग सिंह गुराया, पर्यावरण विशेषज्ञ किसानों को रहना होगा सतर्क
रबी सीजन शुरू होते ही सड़क किनारे आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए किसानों को भी सतर्क रहना होगा, अक्सर सड़क किनारे से उठी चिगारी फसल को भी नुकसान पहुंचा सकती है। यदि कहीं सड़क किनारे चिगारी उठी दिखाई दे तो उसे किसानों के साथ आमजन को तुरंत बुझाना चाहिए या फिर फायर बिग्रेड को सुचित किया जाना चाहिए, ताकि पर्यावरण व राहगीर पूरी तरह सुरक्षित रहें।
- देवेंद्र सिंह, राहगीर लोगों की गलती के कारण लगती है आग : फोरेस्ट रेंजर
फोरेस्ट रेंजर शमशेर सिंह का कहना है कि लोगों की गलती के कारण पेड़ों में आग लगती है। इस मौसम में पेड़ों से गिरे पत्ते पूरी तरह से सूखे होते हैं, वहीं तेज हवाओं के कारण थोड़ी सी चिगारी भयानक रूप ले लेती है। हालांकि वन विभाग के कर्मचारी घने पेड़ों वालों रूटों पर पेट्रोलिग भी करते हैं।