शैक्षणिक लेखन की बेहतर जानकारी से शोध प्रकाशन में मिलता है फायदा : शर्मा

इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली के एसोसिएट प्रो. गगनदीन शर्मा ने कहा कि एक अच्छे शोध प्रकाशन के लिए शोधार्थी को शैक्षणिक लेखन की जानकारी होना जरूरी है। शैक्षणिक लेखन के ज्ञान से शोध की गुणवत्ता में तो सुधार आता ही है इसके साथ ही शोधार्थी को कई तरह के लाभ भी मिलते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Feb 2021 05:29 AM (IST) Updated:Sun, 14 Feb 2021 05:29 AM (IST)
शैक्षणिक लेखन की बेहतर जानकारी से शोध प्रकाशन में मिलता है फायदा : शर्मा
शैक्षणिक लेखन की बेहतर जानकारी से शोध प्रकाशन में मिलता है फायदा : शर्मा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली के एसोसिएट प्रो. गगनदीन शर्मा ने कहा कि एक अच्छे शोध प्रकाशन के लिए शोधार्थी को शैक्षणिक लेखन की जानकारी होना जरूरी है। शैक्षणिक लेखन के ज्ञान से शोध की गुणवत्ता में तो सुधार आता ही है इसके साथ ही शोधार्थी को कई तरह के लाभ भी मिलते हैं।

उन्होंने ये बात शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संकाय विकास केंद्र और कामर्स विभाग की ओर से शैक्षणिक लेखन विषय पर दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला में संबोधित करते हुए कही। उन्होंने अकादमिक लेखन के विभिन्न स्वरूपों पर बात करते हुए शोध पत्र लेखन के लिए हैंड्स ऑन प्रशिक्षण भी करवाया। उनके साथ जुड़ी रिसर्च टीम ने भी गुणवत्ता अनुसंधान लेख के महत्व के बारे में जानकारी दी।

प्रथम सत्र की शुरूआत में प्रतिभागियों को शैक्षणिक लेखन संबंधी कार्य दिया गया। इसका उद्देश्य उनके कार्य का विस्तृत मूल्यांकन करना था। प्रत्येक प्रतिभागियों को व्यक्तिगत रूप से उनके असाइनमेंट का फीडबैक भी दिया गया। डा. गगनदीप शर्मा ने प्रतिभागियों को एक प्रभावी परिचय लिखने और शोध पत्र को प्रभावी ढंग से तैयार करने के बारे में जानकारी दी। कुवि संकाय विकास केंद्र परियोजना के समन्वयक प्रो. तेजेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रतिभागियों की पूरी कार्यशाला के दौरान सक्रिय भागीदारी रही। कार्यशाला में शोधार्थी लॉरेल पसरीचा ने सभी प्रतिभागियों का आभार जताया। इस मौके पर मानसी गुप्ता, ईशा, रितिका चोपड़ा, अंशिता यादव और शिक्षण टीम के सदस्य तान्या, आस्था व अफसा मौजूद रही।

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