बेलर मशीन संचालकों ने की प्रति क्विंटल 60 से 100 रुपये तक सहयोग करने की मांग

बेलर एसोसिएशन ने फसल कटाई के बाद खेत में खड़े फानों को आग से बचाकर गांठ बनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सहयोग राशि जारी करने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 06:13 AM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 06:13 AM (IST)
बेलर मशीन संचालकों ने की प्रति क्विंटल 60 से 100 रुपये तक सहयोग करने की मांग
बेलर मशीन संचालकों ने की प्रति क्विंटल 60 से 100 रुपये तक सहयोग करने की मांग

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : बेलर एसोसिएशन ने फसल कटाई के बाद खेत में खड़े फानों को आग से बचाकर गांठ बनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सहयोग राशि जारी करने की मांग की है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपनी इस मांग को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र भेजा है। बेलर संचालकों ने अपने पत्र में कहा है कि उन्हें खेत में बचे हुए फानों को आग से बचाने के लिए इनकी गांठ बनाकर बाहर निकालनी पड़ती हैं। इस काम के लिए उन्हें अधिक खर्च करना पड़ रहा है। किसान आर्थिक कमजोरी की बात कर किसी भी तरह का सहयोग करने में असमर्थता जता रहे हैं, ऐसे में उन्हें अपना काम काज चलाना मुश्किल हो रहा है। एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव गांव लोटनी के जय नारायण ने बताया कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवा दिया है। सरकार की ओर से जल्द सकारात्मक फैसला नहीं लिया गया तो उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा।

चार चरणों में होता है काम

फानों को खेत से बाहर निकालने के लिए चार चरणों में काम करना पड़ता है। सबसे पहले फानों वाले खेत में कटर चलाया जाता है। इस कटर की मदद से फानों को काटा जाता है। इसके बाद इनके सूखने के बाद इन्हें मशीन के साथ रैक करते हैं। तीसरे चरण में बेलर मशीन खेत में पहुंचती है उनकी गांठ बनाकर खेत में डालती रहती है। इसके बाद चौथे चरण में इन फानों की गांठ को खेत से उठाकर ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर कंपनी के पास भेजा जाता है या एक जगह पर स्टोर किया जाता है।

मशीन संचालक को एक हजार रुपये की राशि जारी करने की मांग

किसान को प्रति एकड़ जारी होने वाली एक हजार रुपये की राशि मशीन संचालक को जारी करने की मांग बेलर एसोसिएशन ने की है कि प्रदेश सरकार की ओर से फानों को खेत से बाहर निकालने पर किसान को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की सहयोग राशि दी जाती है। इस राशि को ही सीधे बेलर संचालक को दिए जाने के आदेश जारी करने पर उन्हें राहत मिल सकती है। बेलर से फाने बाहर निकालने पर 165 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक का खर्च आता है।

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