भीड़ न होने से फीका रहा बाला सुंदरी का मेला

संवाद सहयोगी लाडवा मेलों के प्रति घटते क्रेज व निरंतर बढ़ती महंगाई का असर लाडवा में चल रहे माता बाला सुंदरी के आठ दिवसीय मेले पर देखने को मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 07:59 AM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 07:59 AM (IST)
भीड़ न होने से फीका रहा बाला सुंदरी का मेला
भीड़ न होने से फीका रहा बाला सुंदरी का मेला

संवाद सहयोगी, लाडवा: मेलों के प्रति घटते क्रेज व निरंतर बढ़ती महंगाई का असर लाडवा में चल रहे माता बाला सुंदरी के आठ दिवसीय मेले पर देखने को मिल रहा है। सोमवार को मेले के पांचवें दिन भी अधिक लोग नहीं पहुंचे। मेले के पहले दिन मेले में रौनक जरूर नजर आई थी, लेकिन इसके बाद मेले से रौनक गायब होती चली गई। जो उम्मीद इस वर्ष मेला आयोजकों व मेले में आए दुकानदारों व झूले वालों को थी वह पांचवें दिन टूट गई। मेले में पांचवें दिन भी भीड़ न होने के कारण इस बार माता बाला सुंदरी का आठ दिवसीय मेला पूरी तरह से फीका नजर आ रहा है। मेले में दुकानें लगाने वाले दुकानदार अपना खर्च भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

एक समय था जब मेला देखने के लिए लोगों में एक जनून व उत्साह होता था और दूर-दूर से लोग ट्रैक्टर-ट्रालियों व अन्य वाहनों में सवार होकर मेला देखने के लिए आते थे। मेले के प्रति अब लोगों का मोहभंग होने कारण मनोरंजन के अन्य साधनो का होना और छीना-छपटी व छेड़छाड़ आदि जैसी घटनाएं भी हैं। लाडवा मेले में कानपुर, उत्तर प्रदेश सहित हरियाणा के पिहोवा, करनाल, निसिग आदि जिलों से आए दुकानदारों ने बताया कि अभी तक उनका आने-जाने का भी खर्च पूरा नहीं हुआ है। दुकानदारों के अनुसार अब मेलों में कमाई तो दूर की बात कई मेलों में तो उनके खर्चे तक भी पूरे नहीं होते है। यदि इसी प्रकार लोगों का मेलों के प्रति मोह कम होता गया तो वह दिन दूर नहीं जब मेले लगने ही बंद हो जाएंगे।

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