पात्र परिवारों के लिए डिपो पर भेजा जा रहा खराब गेहूं
प्रदेश सरकार कोरोना महामारी के दौरान पात्र परिवारों को डिपो के माध्यम से निश्शुल्क अनाज देकर उनकी मदद करना चाहती है लेकिन प्रशासन उनकी इस मदद को नाकाम करने में लगे हुए है।
संवाद सहयोगी, लाडवा : प्रदेश सरकार कोरोना महामारी के दौरान पात्र परिवारों को डिपो के माध्यम से निश्शुल्क अनाज देकर उनकी मदद करना चाहती है, लेकिन प्रशासन उनकी इस मदद को नाकाम करने में लगे हुए है। प्रशासन की ओर से इन डिपो पर अनाज तो भेजा जा रहा है, लेकिन वह खाने लायक नहीं है। डिपो पर खराब गेहूं आने पर लोगों में भारी रोष पनप रहा है। रविवार को खंड के गांव मेहरा में अंकुश डिपो होल्डर की ओर से गांव में पात्र परिवारों को गेहूं बांटने का काम किया गया। जब पात्र लोग डिपो पर गेहूं लेने गए तो खराब गेहूं देखकर भड़क गए।
डिपो पर गेहूं लेने आए गौरव, सतीश कुमार, रामफल, राजपाल, अभिमन्यु, रणबीर, काकू, नरविद्र सिंह, गुलाब सिंह, अंकित, साहिल, सूबा सिंह, नीरज कुमार, रामपाल, राजपाल, लवली, सुमन, इमरान, राजो देवी, प्रेमो, रेश्मा, जयवंती ने बताया कि जो अनाज उनको बांटा जा रहा है वह इंसान तो दूर पशुओं के खाने तक लायक नहीं है। ऐसी खराब गेहूं खाने से भूख से मरे या न मरे, लेकिन बीमारी से जरूर मर जाएंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार सच में उनकी हम दर्द है तो वह उनको साफ-सूथरा अनाज बांटे न की खराब। उन्होंने सरकार से ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की गई है जो बिना देखे जान बूझकर यह खराब गेहूं डिपो पर भेजकर न केवल सरकार को बदनाम कर रहे है, बल्कि लोगों की जिदगी से खिलवाड़ कर रहे है।
गांव मेहरा के अंकुश डिपो संचालक मटरू ने बताया कि उनके पास जैसी गेहूं आ रही है वह उसी को बांट रहे है। पीछे से ही उनके पास यह गेहूं आई है। गेहूं बांटते समय ही पता चलता है कि गेहूं कट्टों से खराब निकल रही है। उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिकारियों को जानकारी दे दी है।